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अमेरिका के 2023 तक मंदी की चपेट में आने की संभावना, जानिए क्या कहते हैं अर्थशास्त्री

ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के मुख्य अमेरिकी अर्थशास्त्री अन्ना वोंग ने कहा, आज अमेरिका की घरेलू और व्यावसायिक बैलेंस शीट मजबूत है, लेकिन भविष्य के बारे में चिंता उपभोग्ताओं को पीछे खींच सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2022 6:32 PM

अमेरिका सहित कई विकसित देश मंदी की आहट से सहमी हुई है. ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में अगले 12 महीनों में मंदी की 38 फीसदी संभावना है. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष ने अमेरिकन इकॉनमी की ग्रोथ के ग्राफ को निचे कर दिए हैं, जो अब घटाकर 2.9 फीसदी हो गया है. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अमेरिका के मंदी से बचने के आसार हर दिन कम होते जा रहे हैं.

अमेरिका में बढ़ी महंगाई, खर्चों में आई कमी

ब्लूमबर्ग के अनुसार, साल 2022 में महंगाई बढ़ने के बाद मई में खर्चों में कमी आई है. साथ ही अमेरिका के उद्योग निर्माण भी पिछले दो साल के निचले स्तर पर चला गया है. ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के मुख्य अमेरिकी अर्थशास्त्री अन्ना वोंग ने कहा, आज अमेरिका की घरेलू और व्यावसायिक बैलेंस शीट मजबूत है, लेकिन भविष्य के बारे में चिंता उपभोग्ताओं को पीछे खींच सकती है. और बदले में व्यवसायों को किराए पर लेने और कम निवेश करने के लिए प्रेरित करेगी.

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फेड के प्रयासो के बाद भी महंगाई कम नहीं

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फेडरल रिजर्व में हाइक मंदी के लिए सबसे बड़े कारण हैं. बता दें कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्ती कोरोना काल के बाद से आक्रमक रहा है. फेड अर्थव्यवस्था को ठंडा करने के प्रायस में रहा है. इसलिए मुद्राफीति अंततः अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर ले जाएगी. वहीं मई और जून के महीने में मंदी की संभावना में वृद्धि का मुख्य रूप से दो कारकों से पता लगाया जा सका है, जिसमें कॉर्पोरेट लाभ दृष्टिकोण में एक मॉडरेशन और उपभोक्ता भावना में एक महत्वपूर्ण गिरावट देखा जा सकता है.

जून में बदले अमेरिकी उपभोक्ताओं के विचार

भविष्य की व्यावसायिक स्थितियों के बारे में अमेरिकियों के विचार जून में तेजी से बदले हुए दिखे हैं. मिशिगन विश्वविद्यालय ने उपभोक्ता भावना का बारीकी से देखा जाने वाला सर्वेक्षण हर महीने जारी करता है. जून की रिपोर्ट में न केवल उपभोक्ताओं के धारणा में गिरावट के रिकॉर्ड को निचले स्तर पर दिखाया गया है, बल्कि एक वर्ष में व्यावसायिक परिस्थितियों में अपेक्षित बदलाव में भी गिरावट देखी गई है.

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