US Secret Army: दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना अमेरिका के पास है. अमेरिका दुश्मनों को खत्म करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. अमेरिका के पास अत्याधुनिक हथियार, एयरफोर्स, सैटेलाइट सिस्टम, वारफेयर उपकरण हैं. कुछ साल पहले अमेरिका के कमांडोज ने पाकिस्तान के एबटाबाद में जिस तरह से तालिबान के खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था, उसने अमेरिका की ताकत का अहसास दुनियाभर के देशों को करा दिया था. अमेरिका की खुफिया तंत्र की खूब तारीफ भी हो रही थी. उस समय सवाल उठाए गए थे आखिर अमेरिका ने आतंकी ओसामा बिन लादेन को ढूंढ कैसे निकाला? क्या अमेरिका की कोई सीक्रेट आर्मी काम कर रही है? अगर हां तो अमेरिका की सीक्रेट आर्मी कहां है और क्या कर रही है?
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पहले आपको बता दें अमेरिका के पास 60 हजार ऑफिसर्स की सीक्रेट और अंडरकवर आर्मी है. यह चौंकाने वाला खुलासा किया है न्यूजवीक वेबसाइट ने. वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की सीक्रेट आर्मी पाकिस्तान से लेकर पश्चिमी अफ्रीका के आंतकवाद प्रभावित कई इलाकों में तैनात है. इसे पेंटागन की सीक्रेट आर्मी के नाम से भी जाना जाता है. इस सीक्रेट आर्मी के सदस्य लो प्रोफाइल लाइफ-स्टाइल रखते हैं. उनके पास फर्जी दस्तावेज भी होते हैं. कहने का मतलब है कि आम लोगों के बीच रहते हुए भी वो अमेरिका की सीक्रेट आर्मी के खास हिस्से होते हैं. यहां तक कि कई मौकों पर वो दुश्मनों के पीछे या साथ मिलकर काम को अंजाम भी देते हैं.
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय को पेंटागन के नाम से जाना जाता है और अमेरिका की सीक्रेट आर्मी के 60 हजार अधिकारियों से वो रेगुलर कॉन्टैक्ट में रहता है. यह सीक्रेट आर्मी की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है. ये अमेरिका से लेकर दुनियाभर के देशों में सीक्रेट मिशन को अंजाम देने में माहिर होते हैं. किसी को नहीं पता है कि सीक्रेट आर्मी के अधिकारी कौन हैं और वो अमेरिका के लिए क्या काम करते हैं. इस सीक्रेट आर्मी की जानकारी अमेरिकी कांग्रेस के पास भी नहीं है.
न्यूजवीक की रिपोर्ट में दावा किया जाता है कि सीक्रेट आर्मी के आधे से ज्यादा सदस्य स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेज के रूप में काम करते हैं. आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े देश पाकिस्तान से लेकर पश्चिमी अफ्रीका के कई हिस्सों में सीक्रेट आर्मी ऑपरेट करती है. इनका काम सीक्रेट इन्फॉर्मेशन जुटाना, टेररिस्ट लिंक्स को तलाशना और टेरर आउटफिट का पता लगाना भी है.
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अमेरिका के दो कट्टर दुश्मन ईरान और उत्तर कोरिया तक में सीक्रेट आर्मी की मौजूदगी का दावा किया गया है. इनके साथ मिलिट्री इंटेलीजेंस, काउंटर इंटेलीजेंस एजेंट्स और कई भाषाओं के जानकार भी काम करते हैं. इनके पास तगड़ी साइबर इंटेलीजेंस भी होती है. वो कंप्यूटर के जरिए अमेरिका के लिए खतरों को तलाशते हैं और सीक्रेट आर्मी खतरे को खत्म कर देती है. यहां तक कि सोशल मीडिया के जरिए भी सीक्रेट आर्मी कई तरह के कैंपेन को प्रभावित करती है. बड़ी बात यह है अगर अमेरिका के पास सही मायनों में सीक्रेट आर्मी है तो यह दूसरे देश की संप्रुभता और अखंडता, अंतरराष्ट्रीय कानूनों के साथ ही मानवाधिकारों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन भी है.