दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की बढ़ती दादागीरी से पड़ोसी देशों को परेशान कर दिया है. बीते दो दिन पहले चीन की एक तट रक्षक जहाज ने दक्षिण चीन सागर के एक विवादित समुद्र क्षेत्र में फिलीपींस के गश्ती जहाज को रोक दिया था. जहाज रोकने को लेकर रणनीतिक जलमार्ग में टकराव की स्थिति बन गयी थी. चीन की बढ़ती दखल पर फिलीपींस ने आक्रामक रणनीति का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि यह कोई पहला मामला नहीं था. इससे पहले भी फिलीपीन के एक और पोत को चीन ने रोक दिया था.
चीन ने रेडियो चेतावनी देकर रोक दिया जहाज: दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता को दिखाने के लिए फिलीपीन के तट रक्षक ने तीन पत्रकारों को भी 1670 किलोमीटर लंबी गश्त में शामिल किया था. चीन के कब्जे वाले क्षेत्रों में फिलीपीन के गश्ती जहाजों को चीनी और अंग्रेजी भाषा में रेडियो चेतावनी दी गयीं. साथ ही इलाका छोड़ने को कहा गया. चीनी तट रक्षक और नौसेना के रेडियो कॉलर इसे बीजिंग का इलाका बताया और उन्हें तुरंत इलाका छोड़ देने की चेतावनी दी.
चीन के विदेश मंत्री ने फिलीपींस से की बात: दक्षिण सागर में चीन और फिलीपींस के बीच का गतिरोध बढ़ता जा रहा है. चीन की दादागीरी इस क्षेत्र में इतनी बढ़ गई है कि वो मनमानी करने लगा है. दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध के बीच बीते दिन चीन के विदेश मंत्री ने फिलीपींस के विदेश मंत्री के साथ मनीला में बातचीत भी की. इस दौरान चीन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका और फिलीपींस के बीच गहराते सुरक्षा गठबंधन से उसकी सुरक्षा और क्षेत्रीय हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. चीन ने यह भी कहा कि उन्हें दक्षिण चीन सागर में लंबे समय से चल रहे क्षेत्रीय विवादों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.
चीन के खिलाफ 200 से अधिक राजनयिक विरोध दर्ज: गौरतलब है कि चीन से गतिरोध और दक्षिण सागर चीन में बढ़ते हस्तक्षेप के बीच फिलीपींस ने पिछले साल से चीन के खिलाफ 200 से अधिक राजनयिक विरोध दर्ज कराए हैं. सबसे बड़ी बात की फिलीपींस की अधिकांश शिकायतें दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन के बढ़ते आक्रामक व्यवहार को लेकर हैं. वहीं, चीन की बढ़ती दखलअंदाजी के खिलाफ अमेरिका ने ने कहा है कि वो दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन के जहाजों को परेशान करना बंद करे. अमेरिका ने भू-राजनीतिक तनाव के समय फिलीपींस के साथ खड़े होने की भी बात कही है.
भाषा इनपुट से साभार