कोरोना का कहर पूरी दुनिया में महामारी बनकर टूट रहा है. हजारों लोग हर दिन इस बीमारी की चपेट में आकार अपनी जान गंवा रहें हैं. अमेरिका में कोरोना से हो रही मौत के आंकड़ो में लगातार इजाफा हो रहा है. बीते मंगलवार को अमेरिका में 22 हजार से ज्यादा मामले सामने आये. 1600 से ज्यादा संक्रमितों की मौत हो गई. कोरोना वायरस ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश की भी हालत पतली कर दी है. दुनिया के एक तिहाई से ज्यादा कोरोना संक्रमित अमेरिका में हैं. 14 लाख से ज्यादा अमेरिकी लोग कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं.
पाबंदियां तेजी से हटाई गईं तो अधिक मौतें- फॉसी : अमेरिकी सरकार में कोरोना वायरस पर शीर्ष विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फॉसी ने मंगवलार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर शहर और राज्य घरों में रहने के आदेश तेजी से वापस लेते हैं तो वहां स्थिति बदल सकती है और कोविड-19 से अधिक लोगों की मौत तथा आर्थिक नुकसान देखने को मिल सकता है. फॉसी ने सीनेट की स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम और पेंशन समिति को बताया कि अगर लोगों ने फिर से एकत्रित होना शुरू कर दिया तो संक्रमण के नए मामले आना तथा अधिक लोगों की मौत होना निश्चित है. उन्होंने कहा कि बहुत तेजी से आगे बढ़ने पर इसके नतीजे बहुत गंभीर हो सकते हैं.
गौतलब है कि लॉकडाउन के कारण अमेरिका में तीन करोड़ से अधिक लोगों के बेरोजगार होने के कारण ट्रंप राज्यों को फिर से खोलने पर जोर दे रहे हैं. हाल ही के एक आकलन के अनुसार पाबंदियों में ढील देने वाले 17 राज्य व्हाइट हाउस के अहम मानदंड पर खरे नहीं उतरते हैं यानी वहां नए मामलों या संक्रमित होने की दर में लगातार 14 दिन तक गिरावट नहीं देखी गई.
कोरोना वाइरस के कारण अमेरिका में 2 करोड़ से ज्यादा लोगों का रोजगार छिन गया. बेरोगरी दर का आंकड़ा 14 फीसदी को भी पार कर गया. कोरोना संकट से बेरोजगार हुए लोगों के सामने अब भुखमरी की समस्या हो गई है. आलम ये है की फूड बैंक से खाना लेने वालों की लाइन हर बढ़ रही है.
कोरोनावायरस ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को गहरा झटका दिया है. विकसित, विकासशील और गरीब देश अपनी अर्थव्यवस्था पर कोरोना के प्रभावों को कम करने की जद्दोजहद में लगे हैं. महामारी से उबरने के लिए अमेरिकी सरकार ने 3 ट्रिलियन डॉलर का बिल भी प्रस्तावित किया है. लेकिन जिस तरह कोरोना अपना पांव पसार रहा है उससे साफ है की आने वाला समय और मुश्किलें लेकर आएगा.