यूक्रेन पर हमले को लेकर अमेरिका ने रूस पर कड़ा शिकंजा कसा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है. रूसी हमले के मद्देनजर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से कई बार रूसी तेल के आयात में कटौती का अनुरोध किया था. इसी कड़ी में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया है कि उनका देश रूस से तेल और गैस का आयात नहीं करेगा.
दरअसल, यूरोपीय देश काफी हद तक ऊर्जा आपूर्ति के लिए रूस पर निर्भर करते हैं. एक आकलन के मुताबिक, यूरोपिय देश अपनी खपत का करीब एक-तिहाई प्राकृतिक गैस रूस से खरीदता है. वहीं, रूस के तेल निर्यात पर पाबंदी के बाद बीते दिन मंगलवार को कच्चे तेल की कीमतें 5 फीसदी बढ़ कर 125 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गयीं. जिसके बाद अमेरिका में एक गैलन पेट्रोल की औसत कीमत 4.17 डॉलर पर पहुंच गयी.
अमेरिका के साथ-साथ ब्रिटेन ने भी साफ कर दिया है कि वो भी रूस के इस साल के अंत तक तेल और गैस की खरीद नहीं करेगा. ब्रिटेन का कहना है कि देश रूसी गैस आयात को खत्म करने के लिए अन्य विकल्पों की तलाश कर रहे हैं. गौरतलब हैकि ब्रिटेन में कुल जरूरत का 4 फीसदी गैस की आपूर्ति रूस से होती है. इधर, अमेरिका में भी प्रतिबंध के बाद तेल के दाम में उछाल आया है. अमेरिका में तेल की कीमत रिकार्ड स्तर पर बढ़कर 4.17 डॉलर होगई है.
बता दें, बीते 14 दिनों से रूस यूक्रेन के बीच जंग जारी है. रूस लगातार यूक्रेन पर हमला कर रहा है. इससे पहले मंगलवार को यूक्रेन पर रूसी सेना ने जोरदार हमला किया. रूसी विमानों ने पूर्वी और मध्य यूक्रेन के कई शहरों पर बम गिराये. राजधानी कीव के उपनगरों में भी गोलाबारी हुई. क्षेत्रीय नेता दमित्रो झिवित्स्की ने बताया कि रूसी सीमा के समीप सूमी व ओखतिरका में भीषण बमबारी हुई. रिहायशी इमारतों पर मिसाइलें दागी गयीं. सूमी शहर में हवाई हमले में दो बच्चों सहित करीब नौ लोगों के मरने की आशंका है.
रूस-यूक्रेन जंग के बीच सूमी में फंसे सभी 694 भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बताया कि सभी छात्र सूमी से पोलतावा शहर पहुंचेंगे. फिर यहां से वे ट्रेन से पश्चिमी यूक्रेन के लिए रवाना होंगे. इसके बाद इन छात्रों को आॅपरेशन गंगा अभियान के तहत भारत वापस लाया जायेगा. सूमी राजधानी कीव से 350 किमी दूर है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि सूमी से सभी छात्र बसों से सुरक्षित रवाना हो गये हैं.
गौरतलब है कि सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस व यूक्रेन के राष्ट्रपति से छात्रों की निकासी पर चर्चा की थी. दूसरी तरफ, हमलों से नागरिकों को बचाने के मकसद सूमी शहर से सुरक्षित कॉरिडोर मंगलवार को खुल गया. हालांकि, नये सिरे से हमलों के कारण निकासी मार्ग में कई बाधाएं भी आ रही हैं. यूक्रेन की पीएम इरिना वेरेश्चुक ने कहा कि दोनों पक्ष सूमी में 12 घंटे तक संघर्ष-विराम के लिए सहमत हो गये हैं. युद्ध के बीच करीब 20 लाख लोगों का अब तक यूक्रेन से पलायन हुआ है.
Posted by: Pritish Sahay