डोनाल्ड ट्रंप को मात देकर अमेरिका के नये राष्ट्रपति बने हैं जो बाइडेन. बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद इन दो देशों के रिश्ते पर कितना असर पड़ेगा ? अमेरिका की बदली हुई राजनीति में बाइडेन भारत को लेकर कितने गंभीर है.
आपको बता दें कि नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन 1970 के दशक से ही भारत-अमेरिका के बीच संबोध को मजबूत करने में यकीन रखते हैं. साल 2008 में दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु समझौते के लिए सीनेट की मंजूरी दिलवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी बाइडेन के इस कदम से जाहिर है कि वह भारत के साथ अपने रिश्ते को और मजबूत करना चाहते हैं.
भारत पर लगे प्रतिबंध को भी हटाने की मांग की थी
बाइडेन आतंकवाद के खिलाफ खुलकर लड़ने में भरोसा रखते हैं. साल 2001 में बाइडेन सीनेट समिति के अध्यक्ष थे. उन्होने उस वक्त तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को पत्र लिखा था जिसमें उन्होने भारत पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की मांग की थी. असैन्य परमाणु समझौते को लागू करने और उसके समर्थन के लिए इन्होने दोनों देशों के बीच अहम भूमिका निभायी थी.
Also Read: अर्नब गोस्वामी ने मुंबई पुलिस पर लगाये आरोप कहा, मेरी जान खतरे में
भारत- अमेरिका के मजबूत संबंधों के लिए करते रहें हैं कोशिश
पी.एस. राघवन जो इस मामले के विशेषज्ञ है उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में बाइडेन उपराष्ट्रपति थे . उस वक्त भी वह संबंधों को विकसित करने की पूरी कोशिश करते थे . हिंद-प्रशांत साझेदारी ओबामा के कार्यकाल में शुरू हुई थी.’ अमेरिकी उपराष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान भारत-अमेरिकी संबंधों को और मजबूती प्रदान करने में उनके योगदान का भी जिक्र किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी उम्मीद है औऱ बेहतर होंगे रिश्ते
प्रधानमंत्री ने कहा, ”जो बाइडेन, शानदार जीत के लिए आपको बधाई. बतौर उपराष्ट्रपति, भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में आपका योगदान महत्वपूर्ण और अमूल्य था. मैं भारत-अमेरिका संबंधों को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक बार फिर साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं.”
भारत दौरे पर आ चुके हैं बाइडेन
बाइडेन बतौर उपराष्ट्रपति जुलाई 2013 में चार दिवसीय दौरे पर भारत आये थे. तब उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से मुलाकात की थी और दिल्ली में गांधी स्मृति संग्रहालय भी पहुंचे थे. मुंबई में उन्होंने कारोबारी प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की थी. बंबई स्टॉक एक्सचेंज में नीति पर भाषण दिया था.
बाइडेन ने की थी पीएम मोदी की मेजबानी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सितंबर 2014 में जब अमेरिका दौरे पर गए थे तब तत्कालीन उपराष्ट्रपति बाइडेन ने उनके लिए भोज की मेजबानी की थी. बराक ओबामा के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक और रक्षा संबंधों में प्रमुख विस्तार हुआ और उसमें बाइडेन ने अहम भूमिका निभाई थी. ओबामा प्रशासन ने ही 2016 में भारत को अमेरिका का ‘प्रमुख रक्षा साझेदार’ का दर्जा दिया था.
Also Read: आतंकी कर रहे थे घुसपैठ की कोशिश, सेना के जवानों ने किया ढेर, तीन जवान शहीद
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी सदस्यता का समर्थन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी सदस्यता के दावे का भी ओबामा प्रशासन ने समर्थन किया था. अपने प्रचार दस्तावेजों में बाइडेन ने अमेरिका-भारत साझेदारी को लेकर अपने दृष्टिकोण को पेश किया है तथा क्षेत्र में खतरों का सामना करने में भारत का साथ देने की बात कही है. बीते कुछ वर्षों से अमेरिका और भारत के संबंधों में काफी विकास हुआ है और इसमें अमेरिका में मौजूद 40 लाख भारतीय-अमेरिकी लोगों की विशेष भूमिका रही है. अमेरिका भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak