खुफिया रिपोर्ट में खुलासा रूस ने की थी चुनाव जीतने के लिए डोनाल्ड ट्रंप की मदद
रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने मतदान पर विश्वास कम करने और ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें की. इन कोशिशों के बावजूद खुफिया अधिकारियों को मतदान प्रक्रिया के किसी तकनीकी पहलू से छेड़छाड़ कर 2020 के अमेरिकी चुनाव में किसी विदेशी दखल के कोई सबूत नहीं मिले.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका में गत नवंबर में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने के अभियानों को मंजूरी दी थी. एक खुफिया रिपोर्ट में यह बताया गया है कि रूस और ईरान ने चुनाव नतीजों को प्रभावित करने की व्यापक कोशिशें की थीं, लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि किसी विदेशी दखल से मतों या मतदान प्रक्रिया पर कोई असर पड़ा हो. राष्ट्रीय खुफिया कार्यालय के निदेशक के कार्यालय से मंगलवार को जारी रिपोर्ट में अमेरिका में 2020 में हुए चुनावों में विदेशी दखल का विस्तृत आकलन दिया गया है.
Also Read: ऑक्सफोर्ड के टीके पर उठ रहे सवाल- भारत सरकार ने कहा, चिंता की बात नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने मतदान पर विश्वास कम करने और ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें की. इन कोशिशों के बावजूद खुफिया अधिकारियों को मतदान प्रक्रिया के किसी तकनीकी पहलू से छेड़छाड़ कर 2020 के अमेरिकी चुनाव में किसी विदेशी दखल के कोई सबूत नहीं मिले.
मंगलवार को आई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने चुनाव में दखल नहीं दिया. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उनका मानना है कि चीन अमेरिका के साथ स्थिर संबंध को अहमियत देता है और उसने चुनाव में हस्तक्षेप करके इसमें पकड़े जाने का किसी तरह का जोखिम नहीं उठाया.
रूस ने हालांकि रिपोर्ट को निराधार बताते हुए इसे खारिज किया है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को एबीसी के कार्यक्रम ‘‘गुड मार्निंग अमेरिका” पर प्रसारित एक साक्षात्कार में कहा कि पुतिन के गलत कामों के नतीजे सामने आयेंगे और ‘‘वह जो कीमत अदा करने जा रहे है, आप जल्द ही देखेंगे.” पिछले महीने पुतिन के साथ अपनी पहली कॉल को याद करते हुए जिसमें उन्होंने पुतिन से कहा था, ‘‘हम एक दूसरे को समझते हैं.”
Also Read: ऐसा क्यों बोले केजरीवाल, मैं मोदी सरकार के चरणों में गिरने को तैयार हूं ?
क्रेमलिन ने बुधवार को रिपोर्ट में लगाये गये आरोपों को खारिज किया है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम अपने देश के बारे में इस रिपोर्ट के निष्कर्षों से असहमत हैं.” उन्होंने कहा कि रूस का ‘‘किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ अभियानों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने रिपोर्ट को ‘‘निराधार” बताया है