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पाकिस्तान में चीफ जस्टिस की सास और वकील की पत्नी की बात से हुकूमत की चूलें खड़ी, जानें

फोन कॉल के ऑडियो में पीटीआई के वकील की पत्नी राफिया तारिक विरोधियों को देशद्रोही करते हुए भी सुनी जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि अल्लाह उसे मजबूत करें और दूसरों को अंधा बना दें. वे इस देश के गद्दार हैं.

इस्लामाबाद/नई दिल्ली : पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार और पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) में तनातनी के बीच एक फोन कॉल का ऑडियो लीक हो जाने से एक नया विवाद खड़ा हो गया है. यह फोन कॉल का ऑडियो पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल की सास माह जबीन नून और विपक्षी पार्टी पाकिस्तानी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वकील ख्वाजा तारिक रहीम की पत्नी राफिया तारिक के बीच हुई बातचीत का है. इन दोनों के बीच फोन के जरिए हुई बातचीत का एक ऑडियो लीक हो गया. फोन पर दोनों महिलाएं आपसी बातचीत में सरकार की आलोचना करती हुई सुनी गई हैं. उन दोनों की बातचीत का यह ऑडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी वायरल हो रहा है, जिसके बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया.

चीफ जस्टिस की सुरक्षा और समर्थन पर बात

चीफ जस्टिस की सास : मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, फोन कॉल में दोनों महिलाएं पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल का समर्थन कर रही हैं और पाकिस्तान में मध्यावधि चुनाव के मुद्दे पर चर्चा कर रही हैं. फोन कॉल के इस ऑडियो में मुख्य न्यायाधीश की सास माहे जबनी नून को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह अपने दामाद उमर की सुरक्षा के लिए बहुत चिंतित रहती हैं और उनकी रक्षा के लिए प्रार्थना कर रही हैं.

पीटीआई के वकील की पत्नी राफिया तारिक : वहीं, इस बातचीत के क्रम को पीटीआई के वकील की पत्नी राफिया तारिक ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि कितने ही लोग उनकी सुरक्षा को लेकर प्रार्थना कर रहे हैं. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि देश के सर्वोच्च अदालत और सरकार के बीच चल रहे तनाव के साथ ही वे मुख्य न्यायाधीश के समर्थन में हैं. राफिया तारिक ने कहा कि हजारों लोग मुख्य न्यायाधीश उमर का समर्थन कर रहे हैं और हजारों शहरों में लोग उनका समर्थन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा बेहद जरूरी है.

स्वत: संज्ञान के अधिकार पर चर्चा

इस फोन कॉल के ऑडियो में दोनों महिलाएं पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल के स्वत: संज्ञान लेने के अधिकार पर भी बात करती हुई सुनाई देती हैं और इस पर आपत्ति नहीं है, इस विषय पर भी चर्चा करती हुई सुनाई देती हैं. इन दोनों महिलाओं ने इस मुद्दे पर यह माना कि उमर अता बांदियाल से पहले भी पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के कई मुख्य न्यायाधीश स्वत: संज्ञान के अधिकार का प्रयोग किया है.

जल्द से जल्द कैसे हो चुनाव

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, फोन कॉल के ऑडियो में पीटीआई के वकील की पत्नी राफिया तारिक विरोधियों को देशद्रोही करते हुए भी सुनी जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि अल्लाह उसे मजबूत करें और दूसरों को अंधा बना दें. वे इस देश के गद्दार हैं. देखें कि वे इसे कैसे कर रहे हैं. इन दोनों महिलाओं की बातचीत के आखिर में दोनों यह कहती हुई सुनी जा सकती है कि पाकिस्तान में जल्द से जल्द चुनाव कैसे होने चाहिए.

चुनाव नहीं हुआ तो लागू होगा मार्शल लॉ

पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई के वकील की पत्नी राफिया तारिक का कहना है कि अगर पाकिस्तान में आम चुनाव नहीं हुआ, तो मार्शल लॉ लागू होगा और वहां की पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार नहीं रह सकती है. इसके जवाब में माहे जबनी नून ने कहा कि वे मार्शल लॉ लगाने के भी नहीं थे, जबकि राफिया ने कहा कि वे तैयार थे.

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सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को बताया असंवैधानिक

बताते चलें कि अप्रैल के पहले सप्ताह में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने घोषणा की थी कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अक्टूबर तक चुनाव टालने का पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) का फैसला असंवैधानिक था. कोर्ट ने मतदान की तारीख 14 मई को निर्धारित किया था. इसके बाद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यह भी कहा था कि सर्वोच्च अदालत का फैसला संविधान और कानून का मजाक है और इसे लागू नहीं किया जा सकता.

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