यहां के राष्ट्रपति ने कहा, तो मार दो मुझे गोली…

Belarus, Anti-government protest, President, Alexandr Lukashenko, shoot me बेलारूस में सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी है. कारखानों में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया और प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने सोमवार को सरकारी टेलीविजन मुख्यालय पर कब्जा कर लिया. स्थिति ऐसी बन गयी कि 26 सालों से सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया है.

By Agency | August 18, 2020 9:06 PM

मिंस्क : बेलारूस में सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी है. कारखानों में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया और प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने सोमवार को सरकारी टेलीविजन मुख्यालय पर कब्जा कर लिया. स्थिति ऐसी बन गयी कि 26 सालों से सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया है. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रपति ने तो यहां तक कह दिया कि मुझे गोली मार दो. विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को आरोप है कि राष्ट्रपति ने चुनाव में धांधली किया है. प्रदर्शनकारी फिर से चुनाव कराने की मांग पर अड़े हैं.

दरअसल राष्ट्रपति पद के लिये हुए मतदान का नौ अगस्त को आधिकारिक नतीजा आने के बाद से लगातार नौवें दिन प्रदर्शन जारी रहा. इस बीच समर्थन हासिल करने के प्रयासों के तहत लुकाशेंको हेलीकॉप्टर से एक कारखाने पहुंचे लेकिन वहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा और कर्मियों ने वापस जाओ के नारे लगाते हुए उनके साथ धक्का-मुक्की की.

सरकारी नियंत्रण वाले विभिन्न कारखानों द्वारा हड़ताल की घोषणा के बावजूद 65 वर्षीय नेता ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया है. लुकाशेंको ने कर्मचारियों को बताया, मैं कभी दबाव में नहीं आउंगा. उन्होंने कहा कि जो लोग हड़ताल पर जाना चाहते हैं जा सकते हैं.

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लुकाशेंको ने कहा, आप में से कुछ लोगों को यह मुगालता हो सकता है कि सरकार अब नहीं है, कि वह गिर चुकी है. सरकार कभी नहीं गिरेगी, आप मुझे अच्छी तरह जानते हैं. जब तक आप मुझे मार नहीं देते तब तक कोई नया चुनाव नहीं होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद कर रहे हैं और चेतावनी दी कि अगर वह पद छोड़ेंगे तो देश ध्वस्त हो जाएगा.

उन्होंने प्रदर्शनकारियों के दबाव में नहीं झुकने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि सोशल नेटवर्क उन्हें विषाक्त बना रहे हैं. बहरहाल, उन्होंने सुलह की गुंजाइश की तरफ इशारा किया कि संवैधानिक सुधारों पर चर्चा के लिये उनके विकल्प खुले हैं.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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