Sri Lanka Presidential Election: मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके बने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति, प्रेमदासा को हराया

Sri Lanka Presidential Election: मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के नये राष्ट्रपति बन गए हैं. राष्ट्रपति चुनाव में रविवार को अभूतपूर्व दूसरे दौर की मतगणना के बाद निर्वाचन आयोग ने मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को विजेता घोषित किया.

By ArbindKumar Mishra | September 22, 2024 8:49 PM
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Sri Lanka Presidential Election: मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के विस्तृत मोर्चे नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के उम्मीदवार 56 वर्षीय दिसानायके ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समागी जन बालवेगया (एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा को हराया है. निवर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे पहले दौर में ही बाहर हो गए.

Sri Lanka Presidential Election: सोमवार को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे

एनपीपी ने बताया कि अनुरा कुमारा दिसानायके सोमवार को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. इससे पूर्व निर्वाचन आयोग ने दूसरे दौर की गिनती का आदेश दिया था क्योंकि शनिवार को हुए चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को विजेता घोषित करने के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल नहीं हुए थे. दिसानायके देश के नौंवें राष्ट्रपति होंगे. श्रीलंका में कभी भी कोई चुनाव मतगणना के दूसरे दौर तक नहीं पहुंचा है, क्योंकि प्रथम वरीयता मतों के आधार पर हमेशा कोई उम्मीदवार विजेता बनता रहा है.

जीत के बाद बोले अनुरा कुमारा दिसानायके- श्रीलंका के इतिहास को फिर से लिखने के लिए तैयार हैं

राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद अनुरा कुमारा दिसानायके ने ट्वीट किया और लिखा, सदियों से हमने जो सपना देखा था, वह आखिरकार साकार हो रहा है. यह उपलब्धि किसी एक व्यक्ति के काम का नतीजा नहीं है, बल्कि आप जैसे लाखों लोगों के सामूहिक प्रयास का नतीजा है. आपकी प्रतिबद्धता ने हमें यहां तक ​​पहुंचाया है और इसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं. यह जीत हम सबकी है. यहां तक ​​पहुंचने का हमारा सफर कई लोगों के बलिदानों से तय हुआ है, जिन्होंने इस मकसद के लिए अपना पसीना, आंसू और यहां तक ​​कि अपनी जान भी दे दी. उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। हम उनकी उम्मीदों और संघर्षों का राजदंड थामे हुए हैं, यह जानते हुए कि इसमें कितनी जिम्मेदारी है. उम्मीद और उम्मीद से भरी लाखों आंखें हमें आगे बढ़ाती हैं और हम मिलकर श्रीलंका के इतिहास को फिर से लिखने के लिए तैयार हैं. यह सपना एक नई शुरुआत से ही साकार हो सकता है. सिंहली, तमिल, मुस्लिम और सभी श्रीलंकाई लोगों की एकता इस नई शुरुआत का आधार है. हम जिस नए पुनर्जागरण की तलाश कर रहे हैं, वह इसी साझा ताकत और दृष्टि से उभरेगा.

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