मलेशिया के नए प्रधानमंत्री बने अनवर इब्राहिम, राजनीतिक कैदी से सत्ता के शीर्ष तक ऐसा रहा सफर
अनवर का सियासी सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. 1990 के दशक में उन्हें उप प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने और जेल भेजे जाने के बाद देश की सड़कों पर न सिर्फ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए थे.
सरकार से बाहर का रास्ता दिखाए जाने और जेल भेजे जाने के दो दशक बाद विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम मलेशिया के प्रधानमंत्री चुने गए. इस मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनवर को बधाई दी. मलेशिया के सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह ने अनवर इब्राहिम को गुरुवार को देश का नया प्रधानमंत्री घोषित किया. अनवर को दसवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई.
Congratulations Dato' Seri @anwaribrahim on your election as the Prime Minister of Malaysia. I look forward to working closely together to further strengthen India-Malaysia Enhanced Strategic Partnership.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 24, 2022
पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई
अनवर इब्राहिम के नाम की घोषणा होने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी. पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा, मलेशिया का प्रधानमंत्री चुने जाने पर अनवर इब्राहिम को बधाइयां. मैं भारत-मलेशिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के वास्ते साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं. बता दें कि देश में बड़ी संख्या में जातीय चीनी और भारतीय भी रहते हैं.
जानें अनवर का सियासी सफर
अनवर का सियासी सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. 1990 के दशक में उन्हें उप प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने और जेल भेजे जाने के बाद देश की सड़कों पर न सिर्फ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए थे, बल्कि एक सुधारवादी गठबंधन भी अस्तित्व में आया था, जो आगे चलकर एक बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में उभरा. अनवर के नेतृत्व वाले सुधारवादी गठबंधन की यह दूसरी जीत है. इससे पहले, 2018 के आम चुनावों में भी इस गठबंधन को विजय हासिल हुई थी, लेकिन सत्ता को लेकर संघर्ष के चलते 22 महीने में ही उसका पतन हो गया. अनवर की सरकार गिरने के बाद से ही मलेशिया में राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है.
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अनवर के पार्टी को 82 सीटों पर मिली जीत
मलेशिया के आम चुनाव में अनवर के नेतृत्व वाले गठबंधन पाकतन हरपन को सर्वाधिक 82 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. हालांकि, यह गठबंधन सरकार गठन के लिए जरूरी 112 सीटों के आंकड़े से काफी पीछे रह गया था. चुनाव में मलय समुदाय से मिले अप्रत्याशित समर्थन के कारण पूर्व प्रधानमंत्री मुहीद्दीन का मलय-केंद्रित पेरिकटन नेशनल 72 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहा था. पैन-मलेशियन इस्लामिक पार्टी 49 सीटों पर जीत के साथ इस गठबंधन का सबसे बड़ा दल बनकर उभरी थी.
(भाषा- इनपुट के साथ)