इमरान खान पर फिर लटक रही गिरफ्तारी का वारंट, गैर-जमानती वारंट जारी

पीटीआई के प्रमुख इमरान खान तीन मामलों में अदालत में पेश होने के लिए लाहौर स्थित अपने जमन पार्क आवास से इस्लामाबाद के लिए रवाना हुए. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने तोशखाना मामले में कई बार अदालत के सामने नहीं पेश होने पर 70 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया.

By KumarVishwat Sen | March 1, 2023 6:42 AM
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इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर एक बार फिर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. पाकिसतान की एक अदालत ने मंगलवार को तोशखाना मामले में इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. हालांकि, दो अन्य मामलों में उन्हें जमानत दे दी गई है. इस दौरान, अदालत के बाहर नाटकीय घटनाक्रम भी देखने के मिला, जहां इमरान के सैकड़ों समर्थक उनके समर्थन में एकत्र हो गए.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान तीन मामलों में अदालत में पेश होने के लिए लाहौर स्थित अपने जमन पार्क आवास से इस्लामाबाद के लिए रवाना हुए. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने तोशखाना मामले में कई बार अदालत के सामने नहीं पेश होने पर 70 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया. इसके साथ ने अदालत ने अगली सुनवाई सात मार्च के लिए स्थगित कर दी.

बता दें कि पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है, जहां अन्य सरकारों के प्रमुखों, विदेशी हस्तियों द्वारा राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है. इमरान खान पर तोशखाने में रखे गए तोहफों (जिसमें उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री होने के नाते मिली एक महंगी ग्राफ घड़ी भी शामिल है) को कम दाम पर खरीदने और फिर उन्हें बेचकर लाभ कमाने का आरोप है.

हालांकि, इमरान को आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) और बैंकिंग अदालत ने जमानत दे दी. बैंकिंग अदालत ने उन्हें निषेध धन मामले में यह जमानत दी है. इस्लामाबाद पुलिस ने इमरान खान और पीटीआई के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कथित रूप से राज्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए आतंकवाद का मामला दर्ज किया था, लेकिन एटीसी न्यायाधीश राजा जावेद ने खान को नौ मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी.

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संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने पिछले साल अक्टूबर में खान और अन्य पीटीआई नेताओं के खिलाफ कथित रूप से निषेध धन प्राप्त करने को लेकर इस्लामाबाद स्थित बैंकिंग अदालत में मामला दायर किया था. पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पिछले साल पार्टी को यह छिपाने का दोषी पाया कि उसने धन प्राप्त किया था. इसके बाद आयोग ने खान को अयोग्य घोषित कर दिया था.

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