अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी हवाई हमले में अल-कायदा का सरगना अयमान अल-जवाहिरी मारा गया है. बता दें कि जवाहिरी अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा का सरगना बना था. अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिकी खुफिया विभाग को जवाहिरी के उसके काबुल स्थित घर में अपने परिवार के साथ छिपे होने की जानकारी मिली थी. बाइडन ने अभियान के लिए पिछले सप्ताह अनुमति दी थी और इसे रविवार को अंजाम दिया गया. अमेरिका पर 9/11 हमलों की साजिश अल-जवाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी. ओसामा बिन-लादेन को ‘यूएस नेवी सील्स’ ने दो मई 2011 को पाकिस्तान में एक अभियान में मार गिराया था.
दरअसल अल-जवाहिरी को निशाना बनाकर मारे गए ड्रोन हमले को सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) ने अंजाम दिया था. ये बताया गया है कि कैसे प्रमुख खुफिया एजेंसी ने आतंकवादी नेता का पता लगाया, उनकी पहचान की और उनका सफाया किया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए एक अधिकारी ने बताया कि कैसे इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.
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अधिकारी ने कहा कि कई सालों से वाशिंगटन एक ऐसे नेटवर्क से अवगत था, जो 71 वर्षीय आतंकवादी का समर्थन करता था. पिछले एक साल में, अफगानिस्तान से संयुक्त राज्य अमेरिका की वापसी के मद्देनजर, अधिकारियों ने देश में अल-कायदा की उपस्थिति पर नजर रखी.
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इस साल की शुरुआत में, यह पता चला था कि जवाहिरी अपने परिवार, जिसमें उनकी पत्नी, बेटी और पोते है. वह अफगान राजधानी में एक सुरक्षित घर में रहते थे. इसके बाद में उस जगह पर जवाहिरी की पहचान की गई.
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कई महीनों बाद, सीआईए (CIA) ने अल-जवाहिरी के दैनिक जीवन का एक पैटर्न बनाया और देखा कि कैसे वह अपने घर में जीवन बिता रहा है. इसके बाद, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन सहित बिडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी, जिन्होंने बाद में राष्ट्रपति को जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि उन्हें ये पता लग गया कि जवाहिरी आखिर कब क्या करता है.
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अधिकारियों ने बाद में हमले की पूरी प्लानिंग की, जिसमें बिल्डिंग का ढांचा कैसा है. मकसद ये था कि इस हमले में किसी और को नुकसान नहीं पहुंचे. इधर बाइडन ने अधिकारियों संग कई बैठकें की और अल-कायदा प्रमुख को मारने के लिए पूरी प्लानिंग की.
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ब्रीफिंग के दौरान, डेमोक्रेट ने एकत्र की गई खुफिया जानकारी के बारे में ‘विस्तृत प्रश्न’ पूछे, जिसे वो ये जानना चाहते थे कि जवाहिरी की हत्या के बाद तालिबान के साथ अमेरिका के संबंधों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा. सब कुछ जानने के बाद उन्होंने हमले को हरी झंडी दे दी.
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25 जुलाई को एक अंतिम बैठक आयोजित की गई थी, जिसके दौरान राष्ट्रपति ने नागरिक हताहतों के न्यूनतम जोखिम की शर्त पर ‘सटीक अनुरूप हवाई हमले’ को मंजूरी दी थी.
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30 जुलाई को रात 9:48 बजे (IST के अनुसार 31 जुलाई को सुबह 7:18 बजे) ऑपरेशन किया गया. एक सीआईए ड्रोन ने घर की बालकनी पर अल-जवाहिरी की हत्या करते हुए हेलफायर मिसाइलें दागीं.