14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में फैले बवाल के बीच शेख हसीना की पार्टी के 20 से अधिक सदस्यों के शव मिले

बंग्लादेश में फैले देश व्यापी आंदोलन अब हिंसात्मक रूप ले लिया है. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद पूरे देश में अशांति फैल चुकी है. हर जगह तोड़ फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आ रही है. इस बवाल के बीच शेख हसीना की पार्टी के 20 कार्यकर्ताओं के शव मिले हैं.

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में एक छात्र आंदोलन से शुरू हुआ बवाल कब राष्ट्रव्यापी और हिंसात्मक हो जाएगा किसी ने सोचा नहीं था. पूरे देश में तबाही का मंजर है और जान माल का भारी नुकसान हुआ है. एक बांग्लादेशी अखबार की मानें तो देश में हिंसक सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के 20 से अधिक नेताओं के शव पाए गए हैं. इन सब चल रहे घटनाक्रमों के बीच भारतीय दूतावास ने अपने 190 सदस्यों को वापस स्वदेश बुला लिया है.

Also Read: Bangladesh Violence Update: ढाका से 190 भारतीय दूतावास कर्मचारी भारत लौटे, 30 अभी भी फंसे

मुहम्मद यूनुस को बनाया गया है अंतरिम सरकार का प्रमुख

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के एक दिन बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन किया गया. इस अंतरिम सरकार का प्रमुख नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को नियुक्त किया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारी नेताओं का मानना है कि उन्हें उम्मीद है कि यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सदस्यों के नाम बुधवार को तय हो जाएंगे. यूनुस की नियुक्ति मंगलवार देर रात हुई एक बैठक के बाद हुई जिसमें छात्र प्रदर्शनकारी नेता, सैन्य प्रमुख, नागरिक समाज के सदस्य और व्यापारिक नेता शामिल थे.

जानें, कैसे शुरू हुआ था आंदोलन

बांग्लादेश में तख्ता पलट कर देने वाला छात्र आंदोलन की शुरूआत एक छात्र आंदोलन के तौर पर हुई थी. बीते महीने जुलाई में हजारों की संख्या में लोगों सरकार के खिलाफ इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इसकी शुरुआत छात्रों द्वारा विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन से हुई थी. इस कोटा प्रणाली के अंतर्गत सरकारी नौकरियों का आवंटन किया गया था, जिसमें पाकिस्तान से आजादी के लिए 1971 के युद्ध के दिग्गजों के परिवारों के लिए 30% आरक्षण शामिल था, जिसे हसीना की सरकार ने 2018 में रद्द करने का निश्चय किया था. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की अपील के बाद हाई कोर्ट के आदेश को निलंबित कर दिया और सरकार की चुनौती पर सुनवाई के लिए 7 अगस्त की तारीख तय की है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदर्शन तब और बढ़ गए जब हसीना ने अदालती कार्यवाही का हवाला देते हुए छात्रों की माँगों को पूरा करने से इनकार कर दिया.

Also Read: Prabhat Khabar 40 Years : प्रभावशाली रहा है प्रभात खबर का मतदाता जागरूकता अभियान, झारखंड बनने से पहले हुई थी शुरुआत

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें