गोपालगंज-3 संसदीय सीट से बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना की शानदार जीत, हो सकती है सत्ता में वापसी
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री एवं अवामी लीग प्रमुख शेख हसीना ने छिटपुट हिंसा और मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) द्वारा चुनावों का बहिष्कार किये जाने के बीच रविवार को गोपालगंज-3 संसदीय सीट पर फिर से शानदार जीत दर्ज कर ली हैं.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री एवं अवामी लीग प्रमुख शेख हसीना ने छिटपुट हिंसा और मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) द्वारा चुनावों का बहिष्कार किये जाने के बीच रविवार को गोपालगंज-3 संसदीय सीट पर फिर से शानदार जीत दर्ज कर ली हैं. बीडीन्यूज24 की खबर के अनुसार शेख हसीना को 249,965 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं बांग्लादेश सुप्रीम पार्टी के एम निजाम उद्दीन लश्कर को महज 469 वोट ही मिले. गोपालगंज उपायुक्त एवं चुनाव अधिकारी काजी महबुबूल आलम ने नतीजे की घोषणा किये. बता दें, हसीना ने 1986 से आठ बार गोपालगंज-3 सीट पर जीत हासिल की है. प्रधानमंत्री हसीना लगातार चौथा कार्यकाल हासिल करने वाली हैं. उनका अब तक का यह पांचवां कार्यकाल होगा. हसीना 2009 से बांग्लादेश में शासन कर रही हैं. अब तक के रूझानों के अनुसार, अवामी लीग के उम्मीदवार ज्यादातार सीट पर बढ़त बनाये हुए हैं.
विदेशी मीडिया की परवाह नहीं- प्रधानमंत्री हसीना
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आज यानी रविवार को कहा कि उन्हें चुनाव को लेकर विदेशी मीडिया की स्वीकृति की कोई परवाह नहीं है क्योंकि देश के लोगों के बीच उनकी स्वीकार्यता ही सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है. बता दें, हसीना ने यह टिप्पणी देश के 12वें आम चुनाव में अपना वोट डालने के बाद कही थी. बता दें, मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने चुनावों का बहिष्कार किया था. निर्वाचन आयोग के शुरुआती अनुमान के मुताबिक, मतदान करीब 40 फीसदी हुआ है, हालांकि अंतिम आंकड़ा बाद में ही सामने आयेगा.
मेरी जिम्मेदारी लोगों के प्रति है- शेख हसीना
वहीं, इस सवाल के जवाब में कि बीएनपी के बहिष्कार के बीच चुनाव विदेशी मीडिया में कितना स्वीकार्य होगा इसपर हसीना ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी लोगों के प्रति है. उन्होंने कहा कि लोग इस चुनाव को स्वीकार करते हैं या नहीं यह मेरे लिए महत्वपूर्ण है. इसलिए, मुझे विदेशी मीडिया स्वीकार्यता की परवाह नहीं है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आतंकवादी दल ने क्या कहा या नहीं? उन्होंने कहा, मुझे विश्वसनीयता साबित करनी है. लेकिन किसके प्रति? एक आतंकवादी पार्टी के प्रति? एक आतंकवादी संगठन के प्रति? नहीं, मेरी अपने लोगों के प्रति जवाबदेही है.
हसीना ने कहा है कि बांग्लादेश एक संप्रभु और स्वतंत्र देश है. यह एक छोटा देश हो सकता है, लेकिन इसकी आबादी बहुत बड़ी है. मुझे इसकी परवाह नहीं है कि कौन क्या कहता है, क्योंकि लोग हमारी मुख्य ताकत हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने सभी बाधाओं का सामना करते हुए अनुकूल चुनावी माहौल सुनिश्चित किया है. हसीना ने चुनाव के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करने में मदद के लिए लोगों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इतनी रुकावटें थीं, लेकिन देश की जनता अपने मताधिकार के प्रति सतर्क थी. राष्ट्रीय चुनाव हर पांच साल में होता है.
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