Bangladesh Student Protest: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा बढ़ती जा रही है. बढ़ते हिंसक प्रदर्शन के दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारत के नागरिकों को बांग्लादेश की यात्रा करने से बचने की सलाह दी है. विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा है कि सभी नागरिकों को अगले आदेश तक देश में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश की यात्रा करने से बचना चाहिए. साथ ही बांग्लादेश में रह रहे भारतीय नागरिकों को अधिक सावधानी बरतने और अपने गतिविधियों को सीमित रखने की सलाह दी है. विदेश मंत्रालय ने आपातकालीन फोन नंबर जारी किए हैं (+8801958383679 +8801958383680 +8801937400591) और कहा है कि आपातकालीन फोन नंबरों के साथ ढाका में भारतीय उच्च आयोग के संपर्क में रहें व किसी भी तरह की परेशानी होने पर दिए गए नंबरों पर तुरंत सूचना दें.
देश भर में जारी है व्यापक कर्फ्यू
भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा सुरक्षा सलाह की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपने एक सोशल मीडिया के जरिए दी है. यह सलाह बांग्लादेश में व्यापक हिंसक प्रदर्शन के बीच अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए है, जिसमें अब तक 14 पुलिस कर्मियों के साथ-साथ 91 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ो अन्य लोग घायल हो गए हैं. प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. देश भर में व्यापक कर्फ्यू लगाई गई है और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई है. सोमवार, मंगलवार और बुधवार, तीन दिनों के लिए देश भर में छुट्टी घोषित कर दी गई है.
फिर से भड़क उठा है हिंसक प्रदर्शन
सारकारी नौकरीयों में आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन काफी लंबे समय से चल रहा है. बीच में एक हफ्ते के लिए यह ठंडा पड़ गया था, परंतु इसने फिर से आग पकड़ ली है. जुलाई में हुए एक हफ्ते पहले के विरोध प्रदर्शन में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और लगभग 11,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. हिंसा को रोकने के लिए प्रशासन ने देशभर में व्यापक कर्फ्यू लगाई थी, इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थी वह आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई थी.
प्रदर्शन करने वाले लोग छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं – हसीना
इस बढ़ते प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि तोड़फोड़ और प्रदर्शन करने वाले लोग छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं. मैं पूरे देशवासियों से यह अनुरोध करती हूं कि इन आतंकवादियों को शक्ति से दबाने का प्रयास किया जाए. बता दें कि सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को समाप्त करने को लेकर पुलिस और छात्रों के बीच यह हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. जिस कोटा प्रणाली के खिलाफ बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं उसमें 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले युद्ध दिग्गजों के रिश्तेदारों के लिए 30% सरकारी नौकरियां आरक्षित थीं.
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