Bangladesh Violence : बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच अंतरिम सरकार के प्रमुख, “मुख्य सलाहकार” प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की निंदा की है. उन्होंने हिंसा में शामिल लोगों से सवाल किया कि क्या वे इस देश के लोग नहीं हैं?
यूनुस ने कहा कि आप देश को बचाने में सक्षम हैं, क्या आप कुछ परिवारों को नहीं बचा सकते हैं? वहीं दूसरी ओर, हिंदू समुदाय ने सुरक्षा और न्याय की मांग करते हुए अपना अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन सड़क पर किया जिसकी तस्वीरें सामने आईं हैं.
बेगम रोकेया यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ एक सत्र के दौरान प्रोफेसर यूनुस ने हिंसा पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि आपको सामने आना चाहिए. हिंदुओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता है. वे मेरे भाई हैं. हमने साथ मिलकर उन्होंने लड़ाई लड़ी है और हम साथ ही रहेंगे. उन्होंने छात्रों से सभी हिंदू, ईसाई और बौद्ध परिवारों को नुकसान से बचाने का आग्रह किया.
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हजारों प्रदर्शनकारियों ने ढाका, चटगांव, बरिसाल, तंगेल और कुरीग्राम जैसे प्रमुख शहरों में प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि हिंदुओं को बांग्लादेश में रहने का अधिकार है.
हजारों प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को हटाए जाने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में घरों, दुकानों और मंदिरों पर हमलों के विरोध किया. इन्होंने शनिवार को लगातार दूसरे दिन ढाका में शाहबाग चौराहे को अवरुद्ध कर दिया.
एक युवती एक प्लेकार्ड हाथ में लिए खड़ी दिखी. इसमें लिखा था- बांग्लादेशी हिंदुओं को बचाओ. हमें न्याय और सुरक्षा चाहिए. अन्य लोगों ने नारे लगा रहे थे- हिंदुओं को बचाओ, मेरे मंदिर और घर क्यों लूटे जा रहे हैं? हमें जवाब चाहिए…स्वतंत्र बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार जारी नहीं रह सकता..
इधर, प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद और देश छोड़ने के पांचवें दिन आंदोलनकारी छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ओबैदुल हसन सहित छह जजों को भी इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया. हजारों प्रदर्शनकारी छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट को घेरा और सभी छह न्यायाधीशों से इस्तीफे की मांग की. छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि जजों ने इस्तीफा नहीं दिया, तो हसीना की तरह उन्हें भी कुर्सी से खींच कर उतार देंगे.