25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bangladesh Violence: मोहम्मद यूनुस के सामने ये है सबसे बड़ी चुनौती, शेख हसीना ने कहा था- खून चूसने वाला

Bangladesh Violence: ‘गरीब लोगों का बैंकर’ माने जाने वाले मोहम्मद यूनुस के सामने बांग्लादेश में शांति व्यवस्था कायम करना पहली चुनौती होगी. जानें उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के बारे में

Bangladesh Violence: नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ ले ली है. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती देश में हिंसा को रोकना और शांति की ओर सभी को लेकर जाना है. देश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ और फिर सरकार विरोधी व्यापक प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना ने 5 अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर चली गई थीं. अभी हसीना भारत में हीं हैं.

बांग्लादेश में अफरा-तफरी के माहौल के बीच मोहम्मद यूनुस ने देश की बागड़ोर संभाली है. उनके सामने फिलहाल देश में शांति बहाल करने और चुनाव कराने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. उनके अंतरिम मंत्रिमंडल के 16 अन्य सदस्य मुख्य रूप से नागरिक समाज से जुड़े लोग नजर आ रहे हैं. इसमें छात्र आंदोलन के दो नेता को भी शामिल किया गया है. मंत्रिमंडल के सदस्यों का चयन छात्र नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और सेना के बीच हुई चर्चा के बाद किया गया.

‘सबसे गरीब लोगों का बैंकर’ कहा जाता है मोहम्मद यूनुस

मोहम्मद यूनुस ओलंपिक खेलों के लिए पेरिस गए थे. बांग्लादेश पहुंचने के बाद उन्होंने ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया से बात की और बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन को ‘‘दूसरी आजादी’’ बताया. पेशे से अर्थशास्त्री और बैंकर यूनुस को गरीब लोगों, विशेष रूप से महिलाओं की मदद के लिए माइक्रोक्रेडिट के उपयोग में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. यूनुस को ‘सबसे गरीब लोगों का बैंकर’ भी कहा जाता है. इसे लेकर उन्हें आलोचना का सामना भी करना पड़ा था और एक बार हसीना ने यूनुस को ‘‘खून चूसने वाला’’ कहा था.

Read Also : Bangladesh Violence: डर के साये में बीत रही रात, मस्जिदों से सर्तक रहने का एलान, जानें बांग्लादेश के हालात

08081 Ap08 08 2024 000293B
Nobel laureate muhammad yunus speaks to the media at the airport as he arrives in dhaka, bangladesh

हसीना के कटु आलोचक और विरोधी माने जाते हैं मोहम्मद यूनुस

मोहम्मद यूनुस ने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की ताकि उन उद्यमियों को छोटे ऋण उपलब्ध कराए जा सकें जो सामान्यतः उन्हें प्राप्त करने के योग्य नहीं होते. लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में बैंक की सफलता ने अन्य देशों में भी इसी तरह के लघु वित्त पोषण के प्रयासों को बढ़ावा दिया. वह हसीना के कटु आलोचक और विरोधी माने जाते हैं. उन्होंने हसीना के इस्तीफे को देश का ‘‘दूसरा मुक्ति दिवस’’ ​​बताया.
(इनपुट पीटीआई)

06081 Ap08 06 2024 000466A
A boy celebrates with a national flag after the resignation of prime minister sheikh hasina in dhaka, bangladesh

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें