Bangladesh Violence: डर के साये में बीत रही रात, मस्जिदों से सर्तक रहने का एलान, जानें बांग्लादेश के हालात
Bangladesh Violence: मोहम्मदपुर के चनमिया के निवासी जकीरुल इस्लाम ने हालात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि रात को इमारत परिसर के द्वार पर पहरी तैनात कर दिये गये थे, लेकिन फिर भी निवासी डर के कारण सो नहीं पा रहे थे.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बन चुकी है. नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने शपथ ले ली है, उन्होंने ‘संविधान को बनाए रखने, समर्थन करने और उसकी रक्षा करने’ की शपथ ली है. 84 वर्षीय यूनुस ने ढाका में राष्ट्रपति भवन में अपने नए मंत्रिमंडल के एक दर्जन से अधिक सदस्यों के साथ शपथ ली. सभी ने अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाने की शपथ ली. शेख हसीना ने 15 वर्षों तक बांग्लादेश पर शासन किया जिसके बाद 5 अगस्त को वहां से तख्तापलट की खबर आई. हसीना के देश की सीमा पार कर भारत भाग जाने के कुछ ही दिनों बाद मुहम्मद यूनुस राजधानी ढाका पहुंचे.
डर के बीच बांग्लादेश के लोगों को नहीं आ रही नींद
इधर, शेख हसीना के तख्तापलट के बाद भी बांग्लादेश में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. पूरे देश में अराजक माहौल है. लूटपाट और डकैती की लगातार घटनाएं बढ़ गयी हैं जिसका वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है. डर के बीच बांग्लादेश के लोग जी रहे हैं. देश में लूटपाट और डकैती डाले जाने के डर से लोग पूरी रात नहीं सो पा रहे हैं. लोगों के मन में खौफ समाया हुआ है और अपनी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए खुद ही सड़कों पर पहरा दे रहे हैं.
मस्जिदों से लगातार लोगों को सर्तक रहने का एलान
बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक छोर से दूसरे छोर तक, खासकर उत्तरा से मोहम्मदपुर तक लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. उत्तरा और मोहम्मदपुर सहित कई इलाकों में लोग अपनी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए ग्रुप बनाकर पहला दे रहे हैं. ढाका विश्वविद्यालय में शिक्षक और मोहम्मदपुर के बोसिला की रहने वाली नाजवी इस्लाम ने बताया कि लुटेरों ने मंगलवार रात इलाके में आतंक जमकर आतंक मचाया. मस्जिदों से लगातार लोगों को सर्तक रहने का एलान किया जा रहा है.
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मदरसे के सैकड़ों छात्रों ने संभाला मोर्चा
स्थानीय लोग ग्रुप बनाकर रात में सड़कों पर पहरा दे रहे हैं और उनके हाथों में लाठी-डंडे हैं. स्थानीय मदरसे के सैकड़ों छात्र भी इलाके की रखवाली करने के लिए सड़क पर उतरे. छात्र छोटे-छोटे ग्रुप में बंट गये और उन्होंने सरकारी इमारतों के अलावा सार्वजनिक संपत्तियों की रखवाली की.