Bangladesh Violence: बांग्लादेश ने गुरुवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयानों को लेकर भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया. यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी. बांग्लादेश की ओर से ऐसी प्रतिक्रिया तब आई है, जब शेख हसीना बुधवार रात सोशल मीडिया के माध्यम से भाषण दे रही थी और उन्होंने देशवासियों से मौजूदा शासन के खिलाफ प्रतिरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था.
हसीना के बयानों से देश में अस्थिरता का माहौल पैदा हो रहा: बांग्लादेश
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने फेसबुक पोस्ट में कहा, “बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर लगातार की जा रही झूठी, मनगढ़ंत टिप्पणियों और बयानों पर भारत सरकार के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
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बांग्लादेश ने भारत के उच्चायुक्त को सौंपा विरोध पत्र
यूनुस सरकार ने ढाका में भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त को एक विरोध पत्र सौंपा है. जिसमें कहा गया- शेख हसीना की ऐसी गतिविधियों को बांग्लादेश के प्रति शत्रुतापूर्ण कृत्य माना जाता है और यह दोनों देशों के बीच स्वस्थ संबंध स्थापित करने के प्रयासों के लिए अनुकूल नहीं है. बांग्लादेश ने भारत सरकार से एक्शन लेने के लिए अनुरोध किया है.
शेख हसीना ने क्या दिया था बयान
शेख हसीना ने बुधवार रात को अपने संबोधन में कहा था, “वे इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं. लेकिन उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है.” हसीना ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से कहा- “उनके पास अभी भी राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और उस स्वतंत्रता को बुलडोजर से नष्ट करने की ताकत नहीं है, जिसे हमने लाखों शहीदों के बहुमूल्य जीवन को गंवाकर हासिल किया है.”
बांग्लादेश हिंसा के बाद हसीना को देना पड़ा था इस्तीफा
शेख हसीना पिछले साल पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं. छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच उन्हें बांग्लादेश से भागना पड़ा था. हिंसा के बाद अवामी लीग की 16 साल पुरानी सरकार गिर गयी थी.