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नाबालिग बेटी को वेश्यावृत्ति के दलदल से बचाने के लिए मां ने लांघी सरहद, पढ़ें पूरी कहानी

Human Trafficking News: नाबालिग बेटी को वेश्यावृत्ति के दलदल से बचाने के लिए बांग्लादेश की मां ने लांघी सरहद, वापसी में...

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2021 3:45 PM
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कोलकाता (अमित शर्मा): नाबालिग बेटी को वेश्यावृत्ति के दलदल से बचाने के लिए एक मां सरहद पार कर गयी. बांग्लादेश की यह मां अवैध तरीके से भारत में घुस आयी. बेटी को मानव तस्करों के चंगुल से बचा भी लिया, लेकिन वापसी करते समय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने मां-बेटी को धर दबोचा.

घटना पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिला के सीमावर्ती इलाके की है. हालांकि, उनकी आपबीती सुनने और मामले की पूरी तस्दीक करने के बाद दोनों मां-बेटी को साउथ बंगाल फ्रंटियर, बीएसएफ ने पड़ोसी देश में सीमा की सुरक्षा करने वाले बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंप दिया.

बेटी को बचाने के लिए अवैध रूप से भारत की सीमा में दाखिल होने का दुस्साहस करने वाली मां समीरा (काल्पनिक नाम) की उम्र 45 वर्ष है. बेटी अलीमा (काल्पनिक नाम) की उम्र 17 वर्ष. बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को दोपहर में खुफिया शाखा ने बीएसएफ की 99वीं वाहिनी को सीमा चौकी जीतपुर के इलाके से कुछ लोगों के गैर-कानूनी तरीके से सीमा पार करने की कोशिश की सूचना दी थी.

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सूचना के आधार पर पर सीमा चौकी जीतपुर के कंपनी कमांडर ने अपने इलाके में तैनात जवानों को चौकस कर दिया. अपराह्न करीब 1:15 बजे जवानों ने जूट के खेत में दो से तीन लोगों की संदिग्ध हरकत देखी. बीएसएफ के जवान उनकी ओर बढ़े और मां और बेटी को पकड़ लिया. इनके साथ जो तीसरा व्यक्ति था, वह भागने में कामयाब हो गया.

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पूछताछ के दौरान अलीमा ने बताया की वह बांग्लादेश की निवासी है. उसकी मर्जी के खिलाफ उसके माता-पिता ने उसकी शादी तय कर दी थी. इसी दौरान उसके गांव के दो लोग कालू और सुहाग ने उसको भारत में ब्यूटी पार्लर में काम दिलाने का वायदा किया. वह शादी से बचने के लिए घर से भागकर कालू के साथ भारत आ गयी.

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अलीमा ने कहा कि यहां कालू ने उसे मोहम्मद अली नाम के एक भारतीय दलाल को करीब डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया. दलाल उसे उत्तर दिनाजपुर के पंजीपाड़ा इलाके में ले आया. इस इलाके में उससे जबरन वेश्यावृत्ति करवाया गया. अलीमा ने बताया कि मिथुन नाम का एक युवक उसके पास आता था. उसने अलीमा की आपबीती सुनी, तो बांग्लादेश में रहने वाली उसकी मां को फोन किया और उसकी दर्द भरी दास्तां बता दी.

मां ने बेटी को वापस लाने की ठानी

पीड़िता की मां समीरा ने बताया की उसकी बेटी 16 जनवरी से लापता थी और इसकी गुमशुदगी की शिकायत बांग्लादेश के पल्लवी मीरपुर थाने में दर्ज करवायी गयी थी. कुछ दिन पहले भारत से मिथुन नाम के एक युवक का फोन आया, जिसने बताया की उसकी बेटी पंजीपाड़ा में है. इसके बाद उसने तुरंत भारत जाकर किसी भी कीमत पर अपनी बेटी को वापस लाने की ठान ली.

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समीरा ने कहा कि वह अपनी बेटी को इस दलदल से जल्द से जल्द बाहर निकालना चाहती थी. इसलिए कागजी कार्रवाई के पचड़े में पड़ने की बजाय उसे इसी तरह से भारत की सीमा में दाखिल होना सही लगा. उसने पंजीपाड़ा जाकर वहां के गांव प्रधान की मदद से अपनी बेटी को दलालों के चंगुल से मुक्त तो करा लिया, लेकिन वापसी के दौरान बीएसएफ ने उन्हें पकड़ लिया.

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दोनों के बयान दर्ज करने के बाद बीएसएफ ने बाॅर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारियों से संपर्क साधा. उनके दिये बयान की सत्यता की पुष्टि के बाद दोनों को बीजीबी को सौंप दिया गया. दक्षिण बंगाल सीमांत, बीएसएफ 99वीं वाहिनी के कमांडिंग ऑफिसर रविकांत ने बताया की भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ और मानव तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ कड़े कदम उठा रही है.

मानव तस्करों के खिलाफ होती है कार्रवाई में मिलती है मदद

रविकांत ने कहा कि अवैध तरीके से और तस्करों द्वारा बरगलाकर भारत लाये गये पीड़ित लोगों की जांच करने के उपरांत, मानवीय आधार व दोनों देशों की सीमा सुरक्षा बलों के आपसी सद्भावना के चलते बीजीबी को सौंप दिया जाता है. बीएसएफ की इस प्रकार की कार्रवाई से बंग्लादेशी दलालों के खिलाफ भी बीजीबी को कड़ी कानूनी कार्रवाई करने में भी मदद मिल रही है.

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Posted By: Mithilesh Jha

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