इस्राइल के आम चुनाव का परिणाम आ चुका है. यहां करीब 91 प्रतिशत मतपत्रों की गिनती के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू नीत दक्षिणपंथी गुट ने गुरुवार को 120 सदस्यीय संसद में 65 सीटों पर जीत दर्ज की है और बहुमत प्राप्त किया है. इसके साथ ही नेतन्याहू की सत्ता में वापसी का रास्ता साफ नजर रहा है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतन्याहू को इजरायल का चुनाव जीतने पर बधाई दी है. पीएम मोदी ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि मेरे दोस्त बेंजामिन नेतन्याहू को जीत की बधाई…इस जीत से भारत और इजरायल के संबंध और मजबूत होंगे.
टाइम्स ऑफ इस्राइल अखबार के मुताबिक, नेतन्याहू नीत गठबंधन में महिलाओं की संख्या में भारी गिरावट आ सकती है. माना जा रहा है कि गठबंधन में नौ महिला सदस्य होंगी, जिसमें छह उनकी लिकुड पार्टी में और तीन अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स गुट से हो सकतीं हैं. हालांकि यह आंकड़ा मंत्री स्तरीय नियुक्तियों के माध्यम से बढ़ता नजर अ सकता है. यहां चर्चा कर दें कि इजरायल में 2019 में 73 वर्षीय नेतन्याहू पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी एवं विश्वासघात के आरोप लगने के बाद से राजनीतिक गतिरोध चला आ रहा है.
Mazel Tov my friend @netanyahu for your electoral success. I look forward to continuing our joint efforts to deepen the India-Israel strategic partnership.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 3, 2022
इससे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री याइर लापिड ने हार स्वीकार कर ली और विपक्षी नेता बेंजामिन नेतन्याहू को फोन कर चुनावी जीत पर बधाई दी. नेतन्याहू के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी दलों के गठबंधन ने संसद में बहुमत हासिल कर लिया है. नेतन्याहू-नीत दक्षिणपंथी गुट ने 120-सदस्यीय संसद में 64 सीट जीतकर बहुमत हासिल कर लिया. लापिड ने नेतन्याहू से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के सभी विभागों को सत्ता के व्यवस्थित हस्तांतरण की तैयारी करने के निर्देश दिये हैं. लापिड ने ट्वीट किया, इजराइल की संकल्पना किसी भी राजनीतिक विचार से ऊपर है. मैं नेतन्याहू को इजराइल और यहां के लोगों के लिए शुभकामनाएं देता हूं.
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आपको बता दें कि इजराइल की जनता ने देश में राजनीतिक गतिरोध को तोड़ने के लिए मंगलवार को चार साल में अभूतपूर्व पांचवीं बार मतदान किया. इजराइल में वर्षों तक नेतन्याहू राजनीतिक रूप से अजेय प्रतीत हो रहे थे, लेकिन 2021 में पार्टियों के एक अभूतपूर्व गठबंधन द्वारा सत्ता से बाहर किए जाने के बाद उन्हें एक करारा झटका लगा था. इस गठबंधन का एकमात्र लक्ष्य उन्हें सत्ता से बाहर करना था. इजराइल में 2019 में 73 वर्षीय नेतन्याहू पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी एवं विश्वासघात के आरोप लगने के बाद से राजनीतिक गतिरोध चला आ रहा है.
नेतन्याहू इजराइल के सर्वाधिक समय तक प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने लगातार 12 वर्षों तक और कुल मिलाकर 15 साल तक देश पर शासन किया. उन्हें पिछले साल सत्ता से हटना पड़ा था.
भाषा इनपुट के साथ