थिम्पू : भूटान ने मीडिया में आई उन खबरों को शुक्रवार को सिरे से खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि उसने असम में किसानों को सिंचाई के लिए जल की आपूर्ति रोक दी है. भूटान ने इन खबरों को पूरी तरह ‘‘बेबुनियाद” बताया और कहा कि यह भारत के साथ गलतफहमी पैदा करने का निहित स्वार्थों द्वारा किया गया ‘‘सोचा समझा प्रयास” है.
भूटान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 24 जून 2020 से भारत में प्रकाशित कई समाचार लेखों में आरोप लगाया गया है कि भूटान ने उन जल आपूर्ति माध्यमों को अवरुद्ध कर दिया है जो असम में बक्सा तथा उदलगुड़ी जिलों में भारतीय किसानों तक सिंचाई का जल पहुंचाते हैं.
अबतक का सबसे बड़ा आंकड़ा एक दिन में 17296 मामले सामने आये, मृतकों की संख्या 15 हजार के पारबयान में कहा गया, ‘‘यह आरोप तकलीफदेह है और विदेश मंत्रालय स्पष्ट करना चाहता है कि समाचार आलेख पूरी तरह से निराधार हैं क्योंकि इस समय जल प्रवाह को रोकने का कोई कारण है ही नहीं.” इसमें आगे कहा गया, ‘‘भ्रामक जानकारी फैलाने और भूटान तथा असम के मित्रवत लोगों के बीच गलतफहमी पैदा करने के लिए यह निहित स्वार्थों द्वारा किया गया सोचा-समझा प्रयास है.”
भूटान के इस बयान से कुछ घंटे पहले असम के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्ण ने देर रात ट्वीट कर खबरों को गलत बताया था और कहा था कि वास्तविक कारण पानी का प्राकृतिक रूप से अवरुद्ध होना है. उन्होंने कहा, ‘‘भूटान द्वारा भारत को जल आपूर्ति रोकने की मीडिया में हाल ही में आई खबरें गलत हैं. भारतीय खेतों में अनौपचारिक सिंचाई जल आपूर्ति के माध्यमों का प्राकृतिक रूप से अवरुद्ध होना वास्तविक वजह है.
भूटान तो दरअसल अवरोध हटाने में मदद कर रहा है.” इस तरह की खबरें आई थीं कि भारत-भूटान की सीमा से लगते असम के बक्सा जिले के 25 गांवों के सैकड़ों किसानों ने आरोप लगाए हैं कि भूटान की सरकार भारत के किसानों को सिंचाई के लिए अपनी तरफ से पानी नहीं आने दे रही है, जिसके बाद उनके बयान आए थे. भूटान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार असम के बक्सा और उदलगुड़ी जिले कई दशकों से भूटान के जल स्रोतों का लाभ उठाते आ रहे हैं और ‘‘कोविड-19 महामारी के मौजूदा कठिन समय में भी वे इनका लाभ उठा रहे हैं.”
इसमें कहा गया है कि भूटान के लोग, खासतौर पर भारत से लगी सीमाओं के पास रहने वाले लोग भारत की जनता के साथ दोस्ती और सहयोग के वर्षों पुराने संबंधों को बहुत अहमियत देते हैं और असम तथा पश्चिम बंगाल में सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले पड़ोसियों को तो खासतौर पर महत्व देते हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोस्ती, सहयोग और समर्थन के ऐसे संबंध इन मुश्किल हालात में जारी रहने चाहिए.
इसमें कहा गया है कि भारत में लॉकडाउन और भूटान की सीमाएं बंद होने की वजह से असम के किसान सिंचाई चैनलों की देखरेख के लिए भूटान में नहीं आ पा रहे हैं जैसा अतीत में किया जाता रहा है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि असम के किसानों की मुश्किलों को समझते हुए भूटान के समद्रुप जोंगखार जिले के अधिकारियों और आम जनता ने जरूरत पड़ने पर सिंचाई चैनलों की मरम्मत के लिए पहल की है.
असम की जनता को आश्वासन देते हुए मंत्रालय ने कहा कि भूटान की शाही सरकार, खासतौर पर समद्रुप जोंगखार जिले के अधिकारी यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि मॉनसून की बारिश से होने वाले अवरोधों को बिना देरी के हटा दिया जाए ताकि असम के किसानों के लिए पानी उपलब्ध हो.
इसने कहा, ‘‘भूटान असम के किसानों की समझ के लिए आग्रह करता है कि भारी मॉनसून बारिश और कोविड-19 के कारण दोनों देशों द्वारा जारी प्रतिबंधों से उत्पन्न संचालनात्मक कठिनाइयों से पानी के बहाव में कुछ विलंब हो सकता है.” मंत्रालय ने कहा कि समद्रुप जोंगखार के अधिकारी बक्सा और उदलगुड़ी में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं.
Posted By- Pankaj Kumar Pathak