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बाइडन प्रशासन ने कहा, दशकों में विकसित हुए भारत के साथ संबंध, वाशिंगटन नहीं था तैयार

प्राइस ने कहा कि यह दशकों के दौरान विकसित हुआ है, जब अमेरिका इसके लिए तैयार नहीं था या भारत सरकार के लिए पसंद का भागीदार नहीं बन पाया था. उन्होंने कहा कि लेकिन, अब स्थितियां बदल चुकी हैं. भारत के साथ संबंध एक द्विदलीय परंपरा की विरासत है, जो अब दो दशकों से अधिक समय से चली आ रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2022 10:25 AM

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन का कहना है कि अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और कहा कि रूस के साथ भारत के संबंध कई दशकों में विकसित हुए जब वाशिंगटन इसके लिए तैयार नहीं था. विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने गुरुवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमने अपने भारतीय भागीदारों के साथ कई दौर चर्चा की है और सभी बिंदुओं पर विचार करने के बाद हमारा निष्कर्ष यही निकला है कि हर देश का रूस के साथ अलग संबंध है. उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के संबंध कई दशकों में विकसित हुए हैं.

प्राइस ने कहा कि यह दशकों के दौरान विकसित हुआ है, जब अमेरिका इसके लिए तैयार नहीं था या भारत सरकार के लिए पसंद का भागीदार नहीं बन पाया था. उन्होंने कहा कि लेकिन, अब स्थितियां बदल चुकी हैं. भारत के साथ संबंध एक द्विदलीय परंपरा की विरासत है, जो अब दो दशकों से अधिक समय से चली आ रही है.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों का संबंध वास्तव में पूर्व राष्ट्रपति (बिल) क्लिंटन प्रशासन के साथ बढ़ना शुरू हुआ, निश्चित रूप से पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश प्रशासन में भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी बढ़ी और वह भारत के लिए पसंद का भागीदार बनने का इच्छुक हुआ, जिसमें सुरक्षा क्षेत्र की बात भी शामिल है.

प्राइस ने कहा कि यह दिनों, हफ्तों या महीनों के दौरान बनी साझेदारी नहीं है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि रूस के साथ भारत के संबंध कई दशकों के दौरान विकसित हुए हैं, क्योंकि कई देश मास्को के साथ अपने संबंधों को नए सिरे से विकसित कर रहे हैं, जैसा कि हमने उनमें से कई को करते देखा है. यह एक क्रमिक प्रक्रिया होगी.

प्राइस ने कहा कि लेकिन, इस सब के दौरान हमने अपने भारतीय भागीदारों को स्पष्ट कर दिया है कि हम उनके साथ खड़े हैं. हम तैयार और सक्षम हैं और उनके साथ साझेदारी करने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि बेशक, हमने अपने भारतीय भागीदारों के साथ ‘टू प्लस टू’ संवाद बहुत पहले नहीं किया था. आई2यू2 के संदर्भ में हम एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखेंगे.

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उन्होंने कहा कि आई2यू2 में भारत के अलावा हमारे साथ संयुक्त अरब अमीरात और इजराइल भी है. भारत हमारे साथ कई साझेदारियों में शामिल हो रहा है, जिसमें निश्चित रूप से क्वाड भी शामिल है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा समूह है, जिसे यह प्रशासन पुनर्जीवित करना चाहता है और इसने बहुत उच्च स्तर पर ऐसा किया है.

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