Chinese Supersonic Drone: एक लीक यूएस मिलिट्री दस्तावेज में पाया गया है कि चीन एक सुपरसोनिक स्पाई ड्रोन को तैनात करने की तैयारी में लगा हुआ है. वाशिंगटन पोस्ट ने कल देर शाम एक रिपोर्ट जारी की जिसमें उन्होंने बताया कि- चीनी सेना जल्द ही एक हाई-अल्टीट्यूड वाले जासूसी ड्रोन्स को तैनात कर सकती है. आगे उन्होंने बताया कि इन ड्रोन्स की रफ़्तार ध्वनि की गति से कम से कम तीन गुना अधिक हो सकती है. अखबार ने नेशनल जियोस्पेशियल-इंटेलिजेंस एजेंसी के एक सीक्रेट डॉक्युमेंट का हवाला भी दिया.
इंग्लिश न्यूज पेपर ने अपनी रिपोर्ट में नेशनल जियोस्पेशियल-इंटेलिजेंस एजेंसी के सीक्रेट डॉक्युमेंट का हवाला भी दिया है. हालांकि, न्यूज एजेंसी रॉयटर्स इस सीक्रेट डॉक्युमेंट्स की पुष्टि या वेरिफाई नहीं कर सका है. न्यूज पेपर की माने तो एक तस्वीर दिखाई गयी है जिसमें शंघाई से करीब 560 किमी दूर पूर्वी चीन में स्थित एक एयर बेस पर दो WZ-8 रॉकेट-पॉवर्ड जासूसी ड्रोन को दिखाया गया है.
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अखबार के अनुसार अमेरिकी मुल्यांकन में बताया गया है कि- कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने लगभग निश्चित रूप से अपनी पहली अनमैन्ड एरियल व्हीकल यूनिट को स्थापित किया था, जो ताइवान पर चीनी संप्रभुता के दावों को लागू करने के लिए जिम्मेदार चीनी सेना की ब्रांच ईस्टर्न थिएटर कमांड के अंतर्गत आती है. अमेरिकी रक्षा विभाग ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया. चीनी सरकार मामले पर कमेंट करने के लिए तत्काल उपलब्ध नहीं हो सकी.
जानकारी के लिए बता दें इस मामले पर अमेरिकी डिफेन्स डिपार्टमेंट ने कोई टिप्पणी नहीं की है. वहीं, दूसरी तरफ चीनी सरकार भी इस मामले पर अपने कमेंट के लिए तत्काल उपलब्ध नहीं हो सकी थी. वाशिंगटन पोस्ट आगे अपने रिपोर्ट में कहता है कि उसने मैसाचुसेट्स एयर नेशनल गार्ड के एक सदस्य द्वारा कथित तौर पर डिस्कॉर्ड मैसेजिंग ऐप पर पोस्ट की गई कई सीक्रेट और क्लासीफाइड फाइलों की तस्वीरों से यह आकलन किया है. केवल यहीं नहीं इस शख्स को पिछले हफ्ते गिरफ्तार कर लिया गया.
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फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन ने पिछले हफ्ते यूएस एयर नेशनल गार्ड के 21 वर्षीय जैक डगलस टेइसीरा को गिरफ्तार किया था. इसपर सीक्रेट और क्लासिफाइड डॉक्युमेंट्स को ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर लीक करने का आरोप है. बता दें इस महीने की शुरुआत में लीक मामले में वाशिंगटन को काफी नुकसान हुआ है. इसके साथ ही प्रकरण की वजह से अपने ही सहयोगियों पर जासूसी करवाने और यूक्रेनी सैन्य कमजोरियों को दुनिया के सामने पेश करने के मामले में अमेरिका को शर्मिंदगी भी उठानी पड़ी थी.