बड़ी खबर: भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए फिर से शुरू की वीजा सेवा, इन लोगों को मिलेगी यह सुविधा
भारत ने कनाडा में कुछ श्रेणियों के लिए वीजा सेवाएं फिर से शुरू की है. जिन श्रेणियों के लिए भारत ने वीजा शुरू किया है उनमें प्रवेश वीजा, बिजनेस वीजा, मेडिकल वीजा और कॉन्फ्रेंस वीजा शामिल हैं. भारतीय उच्चायोग ने कहा है कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अस्थाई तौर पर वीजा देने पर पहले रोक लगाई गई थी.
India Canada Row: भारत ने कनाडा में कुछ श्रेणियों के लिए वीजा सेवाएं फिर से शुरू की है. जिन श्रेणियों के लिए भारत ने वीजा शुरू किया है उनमें प्रवेश वीजा, बिजनेस वीजा, मेडिकल वीजा और कॉन्फ्रेंस वीजा शामिल हैं. कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा है कि भारत प्रवेश वीजा, बिजनेस वीजा, मेडिकल वीजा और कॉन्फ्रेंस वीजा सेवा फिर से शुरू कर रहा है. बता दें, खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर दोनों देशों में छिड़े विवाद के बीच भारत ने यह फैसला किया है.
भारत कनाडा विवाद
कनाडा के ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग अपने ट्वीट में कहा है कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अस्थाई तौर पर वीजा देने पर पहले रोक लगाई गई थी. उच्चायोग ने कहा कि अब सुरक्षा स्थिति का रिव्यू पूरा करने के बाद वीजा सर्विस दोबारा से शुरू की गई है. बता दें फिर से वीजा सेवा कल यानी गुरुवार से लागू हो जाएगा.
India resumes visa services in Canada for the following categories- Entry visa, Business visa, Medical visa and Conference visa: High Commission of India, Ottawa pic.twitter.com/amUGdXEUjp
— ANI (@ANI) October 25, 2023
कैसे छिड़ा भारत और कनाडा का विवाद
दरअसल खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की जून में हत्या कर दी गई था. इस घटना के बाद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता की बात कही थी. पीएम ट्रूडो के इन आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया. हालांकि भारत ने कनाडा के आरोपों को बेतुका और प्रेरित कहकर खारिज कर दिया था. वहीं, ओटावा के एक भारतीय अधिकारी को कनाडा से निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को भारत ने अपने यहां से निष्कासित कर दिया .
भारत ने दिखाई सख्ती
इसके बाद मामले ने और तूल तब पकड़ लिया जब भारत ने कनाडा को नई दिल्ली में काम कर रहे अपने राजनयिकों की संख्या घटाने के लिए 10 अक्टूबर की समय सीमा दे दी. भारत का कहना था कि कनाडा को संख्या में समानता हासिल करने के लिए देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करनी चाहिए. इसके साथ ही भारत ने यह भी कहा था कि कनाडा के कुछ राजनयिक नई दिल्ली के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने में शामिल हैं. भारत की सख्ती के बाद कनाडा ने भारत से अपने ज्यादातर राजनयिकों को सिंगापुर और मलेशिया भेज दिया था.
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