‘बिकनी किलर’ के नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज नेपाल की एक जेल से रिहा होने के बाद शनिवार को फ्रांस पहुंचा. वह नेपाल की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था. फ्रांसीसी नागरिक शोभराज को 1970 में अमेरिकी और कनाडाई पर्यटकों की मौत के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. उसके माता-पिता भारतीय और वियतनामी मूल के थे. उसने एशिया भर में कई पश्चिमी पर्यटकों की हत्या करने की बात कबूल की थी.
बीबीसी और नेटफ्लिक्स पर प्रसारित वेब सीरीज ‘द सर्पेंट’ शोभराज के जीवन पर ही बनाई गई है. वह ‘बिकनी किलर’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वह अक्सर युवा महिलाओं को निशाना बनाता था. शोभराज कतर के जरिये नेपाल से शनिवार को विमान से पेरिस हवाई अड्डे पर पहुंचा. उसकी फ्रांसीसी वकील इसाबेल काउंटेंट पेयरे ने यह जानकारी दी. पेयरे ने शोभराज की रिहाई का स्वागत किया. उन्होंने हवाई अड्डे पर कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं, लेकिन बहुत हैरान भी हूं कि उसकी आजादी हासिल करने के लिए 19 साल लगे.
शोभराज के वकील ने कहा कि नेपाल में हत्या की उसकी दोषसिद्धि ‘‘झूठे दस्तावेजों पर आधारित मनगढ़ंत मामला’’ था. उन्होंने कहा कि शोभराज अब आराम से रहेगा, क्योंकि वह वापस फ्रांस में आ गया है. फ्रांस सरकार ने इस पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है कि क्या शोभराज को फ्रांस में न्यायिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
ऐसा माना जाता है कि शोभराज ने 1970 के दशक में अफगानिस्तान, भारत, थाईलैंड, तुर्किये, नेपाल, ईरान और हांगकांग में कम से कम 20 लोगों की हत्या की. वह चोरी के संदेह में दो से अधिक दशक तक नयी दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहा, लेकिन 1997 में उसे फ्रांस प्रत्यर्पित कर दिया गया. वह 2003 में फिर से काठमांडू में पाया गया और अगले ही साल उसे नेपाल में अमेरिकी और कनाडाई पर्यटकों की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया.
नेपाल में उम्रकैद की सजा 20 साल की होती है. इस सप्ताह उसकी रिहाई की घोषणा करते हुए नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि वह पहले ही अपनी 75 प्रतिशत से अधिक सजा काट चुका है और जेल में उसका बर्ताव अच्छा रहा है, जिससे उसे रिहा किया जा सकता है तथा उसे दिल की बीमारी भी है. वकील गोपाल शिवकोटी चितन ने बताया कि शोभराज को शुक्रवार को रिहा किया गया था और 15 दिन के भीतर नेपाल छोड़ने का आदेश दिया गया था. उन्होंने बताया कि एक दोस्त से मिले पैसों से शोभराज का टिकट खरीदा गया और काठमांडू में फ्रांसीसी दूतावास ने उसे विमान से ले जाने के लिए आवश्यक यात्रा दस्तावेज तैयार किए.
(भाषा- इनपुट के साथ)