ब्रासीलिया: कोरोना टीकों को एड्स से जोड़ने वाला बयान देकर ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो बुरे फंसे हैं. ब्राजील की शीर्ष अदालत के एक न्यायाधीश ने राष्ट्रपति बोलसोनारो के, कोरोना टीकों को एड्स से जोड़ने वाले बयानों की जांच का आदेश दे दिया है.
बोलसोनारो ने 24 अक्टूबर को प्रसारित अपने संबोधन में कहा था, ‘ब्रिटेन की सरकार की आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों को टीके की दोनों खुराक मिली है, उन्हें ‘एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम’ (एड्स) जल्दी हो रहा है.’
फेसबुक और इंस्टाग्राम ने कुछ दिन बाद उक्त वीडियो को यह कहकर हटा लिया कि इससे उनके नियमों का उल्लंघन होता है. वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने भी बोलसोनारो के दावे का खंडन किया है.
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ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अलेक्सांद्रे डी मोरेआस ने देश के शीर्ष अभियोजक ऑगस्टो अरास को निर्देश दिया है कि वह ब्राजील की सीनेट द्वारा महामारी की जांच में लगाए गए आरोप की पड़ताल करे.
ब्राजील के राष्ट्रपति ने अभी तक टीका नहीं लगवाया है और वह टीकाकरण की अनिवार्यता के विरोध में बोलते रहे हैं. बोलसोनारो का कहना है कि वह केवल एक पत्रिका में छपे लेख का हवाला देते रहे हैं और उन्होंने कोई दावा नहीं किया है.
मोरेआस ने अपने आदेश में कहा कि बोलसोनारो के बयान की जांच होनी चाहिए. हालांकि, किसी प्रकार की जांच होने की संभावना नहीं है. अरास राष्ट्रपति के विरोध में नहीं जाते हैं और सीनेट की समिति द्वारा अनुरोध किये जाने के बावजूद उन्होंने महामारी से निपटने में बोलसोनारो की भूमिका की भी जांच नहीं की.
बोलसोनारो ने महामारी की शुरुआत से ही स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य नियमों का उल्लंघन किया और कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू पाबंदियों से फायदे के मुकाबले नुकसान ज्यादा होता है.
गौरतलब है कि ब्राजील में कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक 6,10,000 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है और इस मामले में वह अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है.
एजेंसी इनपुट
Posted By: Mithilesh Jha