लंदन : ब्रिटेन में कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते मार्च से जून के दौरान 6,49,000 लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है . बृहस्पतिवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. इन आंकड़ों के बाद ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने स्वीकार किया है कि आगे मुश्किल समय है.
हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के पास एक वृहद रोजगार योजना है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार कंपनियों के पेरोल से 6,49,000 लोगों का नाम हटा है. हालांकि, यह आंकड़ा ब्रिटेन में बेरोजगारी के आंकड़ों में वृद्धि को नहीं दर्शाता है, क्योंकि बड़ी संख्या में कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को सरकार समर्थित अवकाश या जबरन अवकाश योजना के तहत भेज दिया है.
Also Read: पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल, लगातार सत्यापन की जरूरत: भारतीय सेना
भारतीय मूल के वित्त मंत्री ने ही यह योजना पेश की थी. सुनक ने बृहस्पतिवार को पूर्वी लंदन के एक रोजगार केंद्र की आधिकारिक यात्रा के दौरान कहा, ‘‘हमने पिछले सप्ताह 30 अरब पाउंड की नौकरियों की योजना की घोषणा की थी. यह एक व्यापक योजना है, जो देशभर में संरक्षण, समर्थन देने के अलावा रोजगार सृजन करेगी.”
उन्होंने कहा कि शुरुआत में यह योजना समाज की युवा आबादी की मदद करेगी, जिनके लिए दीर्घावधि में बेरोजगार होने का जोखिम है. सुनक ने कहा कि यह सभी नई पहल और नया वित्तपोषण है. इससे आगे के मुश्किल समय में मदद मिलेगी. ब्रिटेन में युवा आबादी बेरोजगारी संकट से सबसे अधिक प्रभावित हुई है. इनमें से काफी होटल क्षेत्र में काम कर रहे हैं. ब्रिटेन में 23 मार्च को लॉकडाउन लागू हुआ था. लॉकडाउन के दौरान होटल कारोबार पूरी तरह बंद रहा था.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak