लंदन : चीन द्वारा हांगकांग पर नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाये जाने के बाद ब्रिटेन उसके (हांगकांग के) साथ अपनी प्रत्यर्पण व्यवस्था में बदलाव करेगा. चीन के साथ तनाव बढ़ने के बीच ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि उन्हें नये कानून तथा चीन में खासकर उइगर अल्संख्यकों के साथ बर्ताव में कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर चिंता है
. उन्होंने ‘सख्त’ होने का वादा तो किया लेकिन चीन के साथ संबंधों की नीति को पूरी तरह नहीं छोड़ने की भी बात कही. एक स्कूल की यात्रा के दौरान जॉनसन ने कहा, ‘‘यहां संतुलन है. मैं हर मुद्दे पर बिना सोचे-समझे चीन विरोधी बनने की स्थिति में नहीं जा रहा, ऐसा व्यक्ति नहीं बनने जा रहा जो अपने आप ही चीन विरोधी है.”
उन्होंने सोमवार को बाद में हाउस ऑफ कॉमन्स में दिये गए एक बयान में कहा कि प्रत्यर्पण में बदलाव की रूपरेखा तय करने की जिम्मेदारी वह विदेश मंत्री डोमिनिक राब पर छोड़ते हैं. राब ने रविवार को कहा था कि ‘पहले की तरह अब चीजें’ नहीं हो सकतीं.
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खबरें हैं कि वह अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा की भांति ही हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण व्यवस्था निलंबित करने की सोमवार को योजना बना रहे हैं. यह समीक्षा ऐसे समय की जा रही है जब महज एक दिन पहले ही ब्रिटेन ने चीनी दूरसंचार कंपनी हुवावे को यहां नयी उच्च गति वाले मोबाइल फोन नेटवर्क में भूमिका देने की योजना से हाथ पीछे खींच लिया.
उसने चीन और पश्चिमी ताकतों के बीच बढ़ते तनाव से उत्पन्न सुरक्षा चिंताओं के मध्य यह कदम उठाया है. बोरिस जॉनसन सरकार हांगकांग में नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने के चीन के निर्णय की पहले ही आलोचना कर चुकी है.
ब्रिटेन ने चीन सरकार पर चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणापत्र का गंभीर उल्लंघन करने का आरोप लगाया है जिसके तहत ब्रिटेन ने 1997 में चीन को हांगकांग का नियंत्रण सौंपा था और घोषणा की थी कि वह समुदाय के 30 लाख तक पात्र बाशिंदों के लिए नागरिकता का विशेष मार्ग खोलेगा. चीन ने ब्रिटेन के कदम पर ऐतराज किया है. ब्रिटेन में चीन के राजदूत लिउ शियोमिंग ने बीबीसी के एंड्रयू मार्र से कहा कि ब्रिटेन, अमेरिका की धुन पर ‘नाच’ रहा है.
Posted By – Pankaj Kumar pathak