Loading election data...

कोरोना वायरस को लेकर ब्रिटिश वैज्ञानिकों का दावा, ठीक हुए लोगों से भी संक्रमण फैलने का खतरा!

Coronavirus Infection Caused Latest Updates कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए दुनियाभर में शोध जारी है. वहीं, विश्व के कई देशों में लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दिये जाने की खबरें भी सुर्खियों में है. कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जीत हासिल करने के लिए भारत में भी बीते दिनों दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गयी है और अब वैक्सीनेशन अभियान को शुरू किया जा रहा है. इन सबके बीच, कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों द्वारा भी संक्रमण को फैलाये जाने संबंधी एक खबर के प्रकाश में आते ही कोविड-19 को लेकर फिर से चर्चाओं का सिलसिला शुरू हो गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2021 6:58 PM

Coronavirus Infection Caused Latest Updates कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए दुनियाभर में शोध जारी है. वहीं, विश्व के कई देशों में लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दिये जाने की खबरें भी सुर्खियों में है. कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जीत हासिल करने के लिए भारत में भी बीते दिनों दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गयी है और अब वैक्सीनेशन अभियान को शुरू किया जा रहा है. इन सबके बीच, कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों द्वारा भी संक्रमण को फैलाये जाने संबंधी एक खबर के प्रकाश में आते ही कोविड-19 को लेकर फिर से चर्चाओं का सिलसिला शुरू हो गया है.

दरअसल, एक ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने दावा करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस से ठीक हुए लोग भी संक्रमण को फैला सकते हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, एक बार ठीक हुए लोगों के शरीर में पांच महीने तक इम्यूनिटी बनी रहती है. ब्रिटेन में जारी एक आधिकारिक अध्ययन के परिणामों में ये बातें सामने आयी है. अध्ययन के परिणामों में यह भी कहा गया है कि पांच महीने तक इम्यूनिटी के बने रहने के दौरान वह व्यक्ति दोबारा संक्रमित नहीं होगा. लेकिन, उसके संपर्क में आने से दूसरे व्यक्ति के कोरोना से संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है.

मीडिया रिपोर्ट में पीएचई में वरिष्ठ चिकित्सा सलाहकार प्रोफेसर सुसैन हॉपकिन्स ने हवाले से बताया गया है कि इस अध्ययन से हमें कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी संरक्षण की प्रकृति की अब तक की सबसे साफ तस्वीर मिली है, लेकिन इस स्तर पर यह महत्वपूर्ण है कि लोग इन शुरुआती निष्कर्षों का गलत आशय नहीं निकालें. सुसैन हॉपकिन्स के अनुसार, जिन लोगों को संक्रमण हुआ था और जिनमें एंटीबॉडी बन गये हैं, उनमें ज्यादातार पुन संक्रमण से सुरक्षित होते हैं. लेकिन, अभी तक यह नहीं पता कि यह संरक्षण कितने लंबे समय तक प्राप्त होता है. उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि संक्रमण से सही होने के बाद भी लोग वायरस को फैला सकते हैं.

Also Read: किसान आंदोलन पर SC की बनाई कमेटी से BKU अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मान ने वापस लिया नाम

Upload By Samir Kumar

Next Article

Exit mobile version