इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी नेता और पीटीआई के पूर्व सांसद लाल चंद्र माल्ही के घर पर बुलडोजर चला दिया, तो पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख पूरी तरह बौखला गए. आनन-फानन में उन्होंने एक वीडिया के साथ ट्वीट कर डाला. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई के पूर्व सांसद लाल चंद्र माल्ही के उमरकोर्ट स्थित घर पर प्रशासन की ओर से बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की गई.
नागरिकों को फासीवाद से कुचलकर विकास संभव नहीं : इमरान खान
अपने ट्वीट में इमरान खान ने उर्दू में लिखा कि मैं पीपीपी सरकार द्वारा उमरकोट में लाल माल्ही के पैतृक घर को ढहाने की कड़ी निंदा करता हूं. लाल माल्ही तहरीक-ए-इंसाफ की अल्पसंख्यक शाखा के अध्यक्ष हैं. उन्होंने लिखा कि तहरीक-ए-इंसाफ के कार्यकर्ताओं और नेताओं को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर करने के लिए सरकार द्वारा अपनाई गई रणनीति ने न केवल हमारे लोकतंत्र को कमजोर किया है, बल्कि इससे सरकार और नागरिकों के बीच समझौते को भी गंभीर (अपूरणीय) क्षति हो रही है. उन्होंने सत्ता (सत्तारूढ़ गठबंधन) को इन उपायों की समीक्षा करनी चाहिए. नागरिकों को जुल्म और फासीवाद के तले कुचलकर और उनके बुनियादी अधिकारों को छीनकर न तो अच्छी सरकार संभव है और न ही विकास की कोई संभावना ही है.
इमरान खान की दुश्मनी से परेशान है सरकार : लाल चंद्र माल्ही
उधर, पीटीआई के पूर्व सांसद लाल चंद्र माल्ही ने वीडियो के साथ अपने ट्वीट में लिखा है कि यह मलबा पाकिस्तान में कानून के शासन का है. इमरान खान की दुश्मनी न सरकार को परेशान कर रखा है. मैं एक शांतिपूर्ण कानून का पालन करने वाला पाकिस्तान हिंदू नागरिक हूं. पुलिस आर प्रशासन ने भारी मिशनरियों के साथ मिलकर उमरकोट (सिंध) में मेरे परिवार की आवासीय संपत्ति को बिना किसी कानूनी औचित्य के ढहा दिया गया. मेरी गलती सिर्फ इतना है कि मैं इमरान खान और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के साथ खड़ा हूं.
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खैबर पख्तूनवा के पूर्व सीएम को नोटिस
उधर, खबर यह भी है कि पाकिस्तान के नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) ने पिछले दिनों इमरान खान के बेहद करीबी खैबर पख्तूनवा के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज खट्टक को पेशावर बीआरटी घोटाला मामले में नोटिस जारी किया है. एनएबी का पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप है कि जब वे वर्ष 2013 स 2018 के बीच खैबर पख्तूनवा के मुख्यमंत्री थे, तब बस रैपिड ट्रांजिट (बीआरटी) पेशासवर प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ था. उन्होंने इस प्रोजेक्ट का डिजाइन बदलवाने के लिए आदेशों में फेरबदल करने में अहम भूमिका निभाई थी.