सच निकला अमेरिका का दावा, चीन ने कोरोना वायरस के शुरुआती सैंपल्स नष्ट करने की बात मानी
दुनियाभर में कहर बरपा रहा कोरोनावायरस चीन के वुहान शहर से फैला. अमेरिका लगातार जानलेवा महामारी के लिए चीन को दोषी ठहरा रहा है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आरोप लगाया था कि चीन द्वारा वायरस के सैंपल नष्ट कर करने के चलते यह पता लगाना मुश्किल हो गया कि वो कहां से पैदा हुआ. अब इस कड़ी में नया खुलासा हुआ है जिसके बाद चीन फिर सवालों के घेरे में आ गया
दुनियाभर में कहर बरपा रहा कोरोनावायरस चीन के वुहान शहर से फैला. चीन पर शुरू से कोरोना से जुड़ी जानकारी छुपाने और गुमराह करने का आरोप लग रहा है. अब अमेरिका लगातार जानलेवा महामारी के लिए चीन को दोषी ठहरा रहा है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आरोप लगाया था कि चीन द्वारा वायरस के सैंपल नष्ट कर करने के चलते यह पता लगाना मुश्किल हो गया कि वो कहां से पैदा हुआ. अब इस कड़ी में नया खुलासा हुआ है जिसके बाद चीन फिर सवालों के घेरे में आ गया.
न्यूयॉर्क पोस्ट के खबर के मुताबिक, चीन ने मान लिया है कि उसने देश में फैले कोरोना वायरस के शुरुआती सैंपल्स को नष्ट कर दिया गया था. चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के एक सुपरवाइजर लिओ डेंगफेंग ने कहा कि चीनी सरकार ने कोरोनो वायरस सैंपल को अनधिकृत प्रयोगशालाओं में नष्ट करने के लिए 3 जनवरी को एक आदेश जारी किया था. उन्होंने दावा किया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एहतियात के तौर पर सैंपल्स को नष्ट किया गया था. उन्होंने साथ ही कहा कि वायरस को फैलने से बायोसेफ्टी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया था.
गौरतलब है कि अमेरिका चीन पर कोरोना वायरस कैसे फैला और इसे पहले क्यों नहीं रोका गया, ऐसे सवालों में पारदर्शिता को लेकर हमलावर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन को लेकर हमलावर है. न्यूयॉर्क पोस्ट के खबर के मुताबिक, चीन के एक मीडिया आउटलेट ने दावा किया है कि दिसंबर के अंत में किए गए टेस्ट्स में सार्स जैसे घातक वायरस की आशंका सामने आई थी. इसके बाद ये सैंपल नष्ट किए गए थे. इस रिपोर्ट के मुताबिक तब तक चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस बारे में सूचना नहीं दी थी.
शी चिनफिंग से अभी बात नहीं करना चाहते ट्रंप
‘भाषा’ के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के मामले में चीनी नेतृत्व के प्रति अपनी नाराजगी का संकेत देते हुए कहा है कि वह अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग से अभी बात नहीं करना चाहते. व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में ट्रम्प से सवाल किया गया कि वह शी से बात क्यों नहीं करना चाहते हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा, उनसे अभी बात नहीं करना चाहता हूं. हम देखेंगे कि आने वाले समय में क्या होता है. इस साल की शुरुआत में हुए व्यापार समझौते के अनुसार चीन पिछले साल की तुलना में अमेरिकी वस्तुएं अधिक खरीद रहा है.
ट्रम्प ने कहा, वे व्यापार समझौते पर काफी खर्च कर रहे हैं, लेकिन व्यापार समझौते को लेकर मेरा मजा थोड़ा किरकिरा हो गया है, आप समझ सकते हैं. इससे पहले ट्रम्प ने कहा था कि वह व्यापार समझौते के बारे में बात नहीं करना चाहते हैं. मैं कह सकता हूं कि चीन हमारे काफी उत्पाद खरीद रहा है, लेकिन व्यापार समझौता– अभी स्याही सूखी भी नहीं थी कि चीन से यह (कोरोना वायरस) आ गया. इसलिए, ऐसा नहीं है कि हम खुश हैं. उन्होंने कहा, ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था. यह चीन से आया। इसे दुनिया में फैलने से पहले चीन में ही रोका जा सकता था.