Origin of coronavirus : कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से ही पूरी दुनिया में फैली है, लेकिन ड्रैगन इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस को वुहान वायरस ही कहा करते थे. अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने इस महामारी को लेकर वुहान वायरस के तकिया कलाम को बंद किया था.
अब जबकि दुनिया भर में कोरोना महामारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच को लेकर अनुरोध किया, तो उसने उसे सिरे से खारिज कर दिया है. इसका सीधा सा अर्थ यह है कि चीन ने जानबूझकर वुहान के वायरोलॉजी रिसर्च सेंटर से लीक होकर पूरी दुनिया में महामारी फैलाने वाले वायरस को अपना वायरस मानने से इनकार कर दिया है.
आपको बता दें कि चीन पर आरोप है कि उसने अपने यहां के दवा और चिकित्सकीय उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अफ्रीकी देश इथोपिया निवासी डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रियसस को विश्व स्वास्थ्य संगठन के महासचिव के पद आसीन कराने में अहम भूमिका निभाई.
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महासचिव डॉ घेब्रियसस यह हमेशा कहते आ रहे हैं कि कोरोना महामारी के वायरस की उत्पत्ति वुहान के वायरोलॉजी लैब से नहीं हुई है, लेकिन अब जबकि अमेरिका समेत पूरी दुनिया के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की जांच की रिपोर्ट को चीन मानने के लिए तैयार ही नहीं है.
जांच में वैज्ञानिकों ने वैश्विक स्तर पर उत्पत्ति स्रोत तक पहुंचने के लिए चीन की अनिच्छा पर सवाल उठाया है. कुछ वायरोलॉजिस्ट्स के बीच वायरस को मजबूत बनाने के प्रयासों पर फोकस किया गया है. इसके साथ ही, दुनिया के कुछ वैश्विक नेताओं ने भी इसकी गहन जांच करने की मांग की है.
हालांकि, यह बात दीगर है कि चीन वुहान के वायरस लैब से करोना महामारी के वायरस को लीक होने के मामले को खारिज ही किया है. बावजदू इसके विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों का कहना है कि यदि चीन दुनिया भर में कोरोना महामारी को फैलाने के लिए जिम्मेदार वायरस की जांच करने में किसी भी प्रकार की रुकावट पैदा करता है, तो इसका सीधा सा अर्थ यह है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच के मामले में चीन शामिल नहीं होगा.