US-China-Pakistan News: पाकिस्तान इस वक्त बड़ी संकट से गुजर रहा है. पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सोमवार को कई आतंकी हमले हुए जिसमें 50 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई. इन आतंकी हमले में 14 पुलिस कर्मी भी मारे गए. पाकिस्तान में संकट पड़ने पर दो विरोधी देश चीन और अमेरिका ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान की मदद करने का वचन दिया है. चीन और अमेरिका दोनों एक दूसरे के कट्टर विरोधी माने जाते हैं यहां तक की दोनों व्यापारिक दृष्टिकोण से दोनों एक दूसरे के दुश्मन माने जाते हैं. फिर आखिर दोनों देश पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हुए आतंकी हम लोग पर दरियादिली क्यों दिखा रहे हैं ?
यह भी पढ़ें Bengal Bandh: भाजपा का बंगाल बंद शुरू, जगह-जगह ट्रेनें रोकी, छात्र आंदोलन के दौरान हुआ था बवाल
चीन और अमेरिका ने क्या कहा ?
खबरों की मानें तो बलूचिस्तान प्रांत में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए चीन ने पाकिस्तान को लंबे समय तक क्षेत्रीय सहयोग के साथ-साथ आतंकी हमले का सामना करने के लिए हर संभव मदद देने का भरोसा जताया है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता लिन जियान ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में कहा है कि बीजिंग पाकिस्तान में हुए हमले की कड़ी निंदा करता है और आतंकवाद विरोधी कार्यवाही के लिए पाकिस्तान को मजबूत समर्थन देगा. दूसरी तरफ अमेरिका ने भी हालत को समझते हुए बलूचिस्तान में हुई आतंकी हमले पर चिंता जताई है और कहां है कि हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदना है. आतंकवाद की इस लड़ाई के खिलाफ अमेरिका पाकिस्तान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा.
क्यों कर रहे हैं चीन और अमेरिका पाकिस्तान की मदद
दरअसल पाकिस्तान का पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान कई तरह के प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है. सोने और तांबे की खदान भी इसी इलाके में है जिस पर चीनी परियोजनाएं संचालित हैं. साथ ही इसी प्रांत में ग्वादर नाम का एक प्रमुख बंदरगाह भी है. यह पोर्ट चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे योजना का मुख्य द्वार माना जाता है और चीन के महत्व कांची प्रोजेक्ट रोड एंड बिल्ड इनीशिएटिव और समुद्री सिल्क रोड परियोजनाओं के बीच एक लिंक माना जाता है. दूसरी तरफ अमेरिका क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने और अपनी उपस्थिति बनाए रखने के लिए पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ साथ देने का वादा कर रहा है. अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रक्षा और आर्थिक संबंध भी रहे हैं और अमेरिका नहीं चाहता कि उसकी गैर मौजूदगी का फायदा चीन उठा इसीलिए वह पाकिस्तान की मदद करने को तैयार है.
यह भी देखें