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चीन ने तीन बच्चों के कानून को मंजूरी दी, लेकिन चीनी युवा नहीं चाहते एक से ज्यादा बच्चे, जानिए क्यों…?

China, Three children's law, Chinese Communist Party : नयी दिल्ली : चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने सोमवार को घोषणा की कि वह सभी युगल यानी जोड़ो को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति देगी. वहीं, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) ने मार्च में कराये गये एक सर्वेक्षण का हवाला देते कहा है कि चीन के 67.4 फीसदी युवा दूसरा बच्चा पैदा करने के लिए तैयार नहीं हैं. वे एक से ज्यादा बच्चे नहीं चाहते.

नयी दिल्ली : चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने सोमवार को घोषणा की कि वह सभी युगल यानी जोड़ो को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति देगी. वहीं, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) ने मार्च में कराये गये एक सर्वेक्षण का हवाला देते कहा है कि चीन के 67.4 फीसदी युवा दूसरा बच्चा पैदा करने के लिए तैयार नहीं हैं. वे एक से ज्यादा बच्चे नहीं चाहते.

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने बड़े बदलाव के तहत सोमवार को घोषणा की कि वह सभी युगल यानी जोड़ो को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति देगी. इसके साथ ही दो बच्चे पैदा करने की नीति खत्म हो जायेगी. एससीएमपी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए एएनआई ने कहा है कि साल 2020 की जनगणना से पता चलता है कि पिछले साल 12 मिलियन बच्चे पैदा हुए थे, जो साल 1961 के बाद से सबसे कम हैं. चीन में पिछले एक दशक में कामकाजी उम्र की आबादी में प्रतिवर्ष करीब 3.4 मिलियन की कमी आयी है. जो लोग आज कार्यबल में शामिल हो रहे हैं, वे बड़े पैमाने पर उससमय पैदा हुए थे, जब प्रजनन दर पहले से ही प्रतिस्थापन स्तर से नीचे थी.

सर्वेक्षण रिपोर्ट में किया गया दावा, एक से ज्यादा बच्चे नहीं चाहते युवा, बताये कई कारण

दशकों से चीन के परिवार नियोजन प्रतिबंधों ने अधिकारियों को आबादी नियंत्रित करने के लिए करोड़ों चीनी महिलाओं को गर्भपात या बंध्याकरण के लिए मजबूर करने का अधिकार दिया है. इस कारण साल 2020 में चीन में हुए जनगणना में प्रजनन दर में कमी देखने को मिली है.

वहीं, सस्ती सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा की कमी, बढ़ती जीवन लागत और भीषण घंटे के कारण चीनी जोड़े बच्चे पैदा करने के लिए इच्छुक नहीं हैं. यह दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के लिए चिंता का विषय है. एससीएमपी की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च में 1938 लोगों का एक सर्वेक्षण कराया गया. इसमें 67.3 फीसदी युवाओं ने घरेलू मदद नहीं मिल पाने के कारण दूसरा बच्चा पैदा करने के लिए तैयार नहीं हैं.

कई दूसरे एशियाई शहरों में एक विदेशी नौकरानी की तुलना में चीन में घरेलू नौकरानी किराये पर लेना अधिक महंगा है, क्योंकि लिव-इन-हेल्पर्स की काफी कमी है. एक चीनी ऑनलाइन रिक्रूटमेंट प्लेट फॉर्म की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले साल तक घरेलू सहायकों की संख्या में करीब 30 मिलियन तक कमी आने की संभावना है.

एक अनुभवी दाई मां के लिए भी प्रतिस्पर्धा है. दैनिक गृहकार्य के लिए प्रतिमाह 5500 युआन यानी करीब 62,715 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. अगर बच्चा छह वर्ष से ऊपर है तो 6000 युआन यानी करीब 68,399 रुपये से 79,799 रुपये तक प्रतिमाह और बच्चा तीन साल से कम उम्र का है, तो करीब 91,205 रुपये प्रतिमाह खर्च करने की जरूरत पड़ती है.

ग्रामीण क्षेत्रों में तीन साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नर्सरी की काफी कमी है. साल 2019 में मात्र 4.71 फीसदी बच्चे तीन साल से कम उम्र के थे. एससीएमपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इन बच्चों की नर्सरी नामांकन दर 50 फीसदी बढ़ाने के लिए करीब एक लाख चाइल्ड केयर सेंटर बनाने होंगे. जनसांख्यिकी के प्रोफेसर जियांग क्वानबाओ ने कहा है कि चीन में एक बच्चे की नीति साल 1979 में लागू की गयी थी. हालांकि, बाद में साल 2016 में वापस ले ली गयी. हालांकि, लड़कों के पक्ष में लिंग-चयनात्मक गर्भपात की प्रथा को बढ़ा दिया था.

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