बीजिंग : चीन में मनुष्य पर परीक्षण के शुरुआती स्तर से गुजर रहे कोविड-19 के वैक्सीन ने चूहों और अफ्रीकी बंदरों में नोवेल कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित की है .
एक नये अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है. चीन के सिंघुआ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों समेत अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि एआरसीओवी ने चूहों और बंदरों में नोवेल कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ एंटीबॉडी तथा कोशिका आधारित प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित किया.
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पत्रिका सेल में शुक्रवार को प्रकाशित अध्ययन के अनुसार एआरसीओवी का मनुष्य पर परीक्षण के पहले चरण में मूल्यांकन किया जा रहा है. वैज्ञानिकों ने अध्ययन में लिखा, ‘‘हमारे निष्कर्षों में सामने आया कि एआरसीओवी टीके की दो डोज ने चूहों में सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ एंटीबॉडी के स्तर को बढ़ाया है.”
चीन में अभी इस पर शोध चला रहा साथ ही दूसरे देशों में भी कोरोना की वैक्सीन तैयार करने की प्रक्रिया जारी है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोरोना वायरस टीका सुरक्षित है और शरीर के भीतर एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्पन्न करता है . इसके शोध में लगे वैज्ञानिकों ने मानव परीक्षण के पहले चरण के बाद सोमवार को यह घोषणा की.
नैदानिक परीक्षण के पहले चरण के तहत अप्रैल और मई में ब्रिटेन के पांच अस्पतालों में 18 से 55 वर्ष की आयु के 1,077 स्वस्थ वयस्कों को टीके की खुराक दी गई थी और उनके परिणाम चिकित्सा पत्रिका ‘लांसेट’ में प्रकाशित किए गए हैं. परिणाम बताते हैं कि जिनको टीके लगाए गए, उनमें 56 दिनों तक मजबूत एंटीबॉडी और टी-सेल प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं उत्पन्न हुईं.
सालों तक वायरस से सुरक्षित रखने के लिए टी-सेल महत्वपूर्ण हैं. निष्कर्षों को आशाजनक माना जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह पता लगाना बहुत जल्दीबाजी होगी कि क्या यह सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह से सक्षम है क्योंकि बड़े स्तर पर अभी भी परीक्षण चल रहे हैं.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak