दो सप्ताह में चीन ने किये 11 मिलियन कोरोना टेस्ट, जानें कैसे

चीन (China) के वुहान शहर( Wuhan City) में दो सप्ताह के अंदर से 11 मिलियन लोगों के कोरोना टेस्ट (11 million Corona Test) किये गये हैं. वुहान शहर में दोबोरा कोरोना संक्रमण (Corona Infection) का मामला सामने नहीं आये इसके लिए चीन अपनी पूरी आबादी का टेस्ट करने लिए तैयार है और इसके लिए संसाधन जुटाने के लिए चीन ने भारी-भरकम खर्च भी किया है. ऐसे समय में जब अमेरिका जैसे ताकतवर देश भी कोरोना से लड़ने के लिए जूझ रहे हैं. चीन ने काफी बेहतर कार्य किया है.

By Panchayatnama | May 31, 2020 1:30 PM

चीन के वुहान शहर में दो सप्ताह के अंदर से 11 मिलियन लोगों के कोरोना टेस्ट किये गये हैं. वुहान शहर में दोबोरा कोरोना संक्रमण का मामला सामने नहीं आये इसके लिए चीन अपनी पूरी आबादी का टेस्ट करने लिए तैयार है और इसके लिए संसाधन जुटाने के लिए चीन ने भारी-भरकम खर्च भी किया है. ऐसे समय में जब अमेरिका जैसे ताकतवर देश भी कोरोना से लड़ने के लिए जूझ रहे हैं. चीन ने काफी बेहतर कार्य किया है. इसके लिए चीन ने 13 मई को ही आदेश जारी किया गया था जिसमें कहा स्पष्ट कहा गया था कि दो सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट को जमा कर देना है. नागरिकता पहचान पत्र के माध्यम से वुहान शहर के अधिकारियों ने सूची बनायी थी और फिर उनका टेस्ट किया था. आश्चर्यजनक बात यह है कि जब पूरी आबादी का टेस्ट पूरा हुआ तो महज एक कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया है.

चीन में कोरोना टेस्ट की रफ्तार के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि, चीन जल्द से जल्द अपने देश में कोरोना टेस्ट पूरा करना चाहता है ताकि भविष्य में उसके उपर यह आरोप नहीं लगे कि चीन ने कोरोना वायरस महामारी से निबटने में देरी की, जिसके कारण पूरी दुनिया में आज 6 मिलियन लोग सक्रमित हैं. वायरस के कारण अब तक तीन लाख 60 हजार से अधिक मौतें हो चुकी है. इसलिए चीन लागातार कोविड-19 महामारी का इलाज खोजने में जुटा हुआ है. इसके साथ ही पूरे देश में कोरोना टेस्ट का विस्तार कर रहा है. साथ ही यात्राओं पर भी कठोर प्रतिबंध लगाया गया है.चीन की इस उपलब्धि पर सिडनी स्थित न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय में वैश्विक जैव सुरक्षा के प्रोफेसर रैना मैकइंटायर ने कहा कि चीन ने दिखाया है कि वो आवश्यक मानव संसाधन और उपकरण कम समय में बड़े पैमाने पर जुटा सकता है. यह तकनीकी क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति का एक बेजोड़ नमूना है.

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चीन पर विश्व समुदाय यह आरोप लगा रहा है कि चीन ने शुरूआती दिनों में वायरस से जुड़ी जानकारी को छिपाया था. हांलाकि चीन इस आरोपों को खारिज भी कर रहा है. चीन कोरोना वायरस के बाद विश्व में अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर भी बात कर रहा है. चीन के प्रधानमंत्री ली कचियांग ने पिछले सप्ताह कहा कि बीमारी की रोकथाम के लिए प्रणाली में सुधार किया जायेगा, ताकि किसी भी प्रकार के प्रकोप को शुरूआती दौर में ही रोका जा सके. उन्होंने कहा कि जब भी संक्रमण पाया जायेगा, उसे तुंरत खत्म किया जायेगा.वुहान शहर जहां पर शुक्रवार तक पांच कोरोना संक्रमित थे. उस प्रसार को रोकने के लिए वुहान में तमाम तरह के उपाय ढ़ूंढ़े गये. सभी लोगों के आकलन के लिए कई अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया गया. शहर भर के आवासीय परिसरों में टेंट स्थापित कर स्वाब और थ्रोट इंफेक्शन की जांच की गयी.

वुहान के स्थानीय नागरिक झोउ जियांगनिंग ने कहा कि यह निश्चित रूप से एक चमत्कार है कि 11 मिलियन लोगों का केवल दो सप्ताह में परीक्षण किया गया है. 11 मिलियन लक्ष्य तक पहुंचने के लिए पूल टेस्ट का इस्तेमाल किया गया. इसके तहत एक साथ 10 नूमनों की जांच की जाती है. पिछले महीने लैसेंट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पूल टेस्ट एक बढ़िया विकल्प हो सकता है. क्योंकि इसमें अगर एक बैच की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो फिर एक-एक करके सभी नमूनों की जांच की जाती है. इसके परिणाम काफी अच्छे हैं. चीन की विशाल परीक्षण क्षमता ने यू.एस. और यू.के. सहित कई विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है.

Posted By: Pawan Singh

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