18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नेपाल की भी जमीन हड़पने में जुटा चीन, विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने सरकार से मांगा जवाब

चीन की शह पर भारत से सीमा विवाद में उलझ रहे नेपाल को चीन ने ही बड़ा झटका दिया है. ऐसे में नेपाल को हाल ही में जारी अपना नक्शा एक बार फिर बदलना पड़ सकता है. दरअसल, नेपाल में चीनी घुसपैठ और एक बड़े भूभाग पर कब्जा किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.

चीन की शह पर भारत से सीमा विवाद में उलझ रहे नेपाल को चीन ने ही बड़ा झटका दिया है. ऐसे में नेपाल को हाल ही में जारी अपना नक्शा एक बार फिर बदलना पड़ सकता है. दरअसल, नेपाल में चीनी घुसपैठ और एक बड़े भूभाग पर कब्जा किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. नेपाली कांग्रेस ने इसे बेहद गंभीर मामला करार देते हुए सरकार पर सवाल उठाया है.

नेपाल के तीन सांसदों ने संसद में प्रस्ताव पेश कर चीन से लगी सीमा पर कई बॉर्डर पिलर गायब होने और 64 हैक्टेयर नेपाली जमीन के चीनी कब्जे में जाने की शिकायत की है. इतना ही नहीं सीमा के कई इलाकों में सरहद की लकीर को बदल कई गावों को अपनी जमीन में मिलाए जानी की शिकायत करते हुए सांसदों ने सरकार ने इस मामले को उठाने को कहा है.

Also Read: हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, LAC पर लगातार बढ़ा रहा सैन्‍य ताकत

बता दें कि चीन नेपाल की जमीन हथियाने की फिराक में जुटा है. वह तिब्बत में सड़क निर्माण के नाम पर नेपाली भूमि पर अतिक्रमण कर रहा है. भविष्य में उसकी इन क्षेत्रों में सीमा चौकी भी बनाने की योजना है. नेपाल सरकार की गोपनीय रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है. नेपाल के कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश के कुल 10 जगहों पर चीन ने कब्‍जा कर लिया है. इतना ही नहीं ने 33 हेक्टेयर की नेपाली जमीन पर नदियों की धारा बदलकर प्राकृतिक सीमा बना दी है और कब्जा कर लिया है.

नेपाली कांग्रेस ने इसे बेहद गंभीर मामला करार देते हुए सरकार पर सवाल उठाया है कि वह भारत के साथ कालापानी, लिपुलेख सीमा विवाद में उलझी है और दूसरी तरफ चीन उसके एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर चुका है. नेपाली कांग्रेस का आरोप है कि अपने देश के अहम मसलों, सरकार की नाकामियों और भ्रष्टाचार के तमाम मामलों पर पर्दा डालने के लिए नेपाल सरकार लगातार राष्ट्रवाद और भारत पर सीमाई इलाकों पर कब्जे का मसला उठा रही है. एएनआई के मुताबिक, देवेंद्र राज कंदेल, सत्यरानारयण खनाल और संजय कुमार गौतम ने नेपाली संसद में प्रस्ताव पेश कर सरकार से इस मामले की पूरी जांच कराने और चीन से नेपाली जमीन वापस लेने की मांग की है.

बीते दिनों भारत के कुछ हिस्सों को नेपाली भूभाग बताने वाला नक्शा पास करने वाली प्रतिनिधि सभा में ही इन सांसदों ने सरकार से इस बारे में फौरन कूटनीतिक प्रयास शुरु करने का भी आग्रह किया है.नेपाल की प्रतिनिधि सभा में रखे गए प्रस्ताव के मुताबिक दोल्खा, हुमला, सिंधुपालचौक, संखुवासभा, गोरखा और रसुआ आदि जिलों की जमीन चीन के कब्जे में चली गई हैं. सदन में नियम 84 के तहत रखे गए इस प्रस्ताव में कहा गया है कि नेपाल और चीन के बीच सीमा पर मौजूद 98 पिलर में से कई गायब हैं. इससे पहले विपक्षी नेपाली कांग्रेस के उपाध्‍यक्ष और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री बिमलेंद्र निधि ने आरोप लगाया था कि चीन जबरन नेपाल की जमीन पर कब्‍जा कर रहा है. उन्होंने ये मुद्दा प्रमुखता से उठाया है और सोशल मीडिया पर इस बारे में सरकार से जवाब मांगा है. उनका कहना है कि सरकार ने इस बारे में आखिर चुप्पी क्यों साध रखी है.

Posted By: Utpal kant

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें