पेइचिंग : कोरोना वायरस का सोर्स क्या है ? कहा से इसकी उत्पत्ति हुई. इस सवाल के कई जवाब है, लेकिन कोई जवाब पुष्ट नहीं है.ऐसे में चीन पर इसके लिए अंतरराष्ट्रीय जांच का दवाब बढ़ता जा रहा है.अब चीन इन मागों से पूरी तरह बौखला गया है और उसने सोमवार को कहा कि इस तरह की जांच का कोई कानूनी आधार नहीं है और इससे पहले ऐसी महामारियों की जांच के कोई ठोस नतीजे नहीं आए हैं.
कोरोना वायरस ने दुनियाभर में 30 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया है.और इसने अब तक दो लाख से से अधिक लोगों की जान ली है.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अलावा ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कोविड-19 के स्रोत को लेकर चीन से अधिक पारदर्शिता की मांग की है. ट्रंप ने वायरस के स्रोत की जांच की मांग को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि इसका पता लगाया जाना चाहिए कि क्या यह वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से निकला था.
जब चीन से यह पूछा गया कि क्या चीन वायरस के स्रोत के बारे में स्वतंत्र जांच के लिए सहमत होगा, तो चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि पहले भी ऐसे वायरस की जांच से बहुत अधिक हासिल नहीं हुआ.उन्होंने कहा, ‘वायरस की उत्पत्ति का स्रोत विज्ञान का विषय है और इसका अध्ययन वैज्ञानिकों और पेशेवरों द्वारा किया जाना चाहिए. इस तरह का अनुसंधान और निर्णायक उत्तर केवल महामारी विज्ञान के अध्ययन और वायरोलॉजी अध्ययनों से सबूत प्राप्त होने के बाद ही हासिल किया जा सकता है. यह एक बहुत ही जटिल मुद्दा है, अक्सर इसमें बहुत समय लगता है और अनिश्चितता होती है.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार शुआंग ने कहा, ‘पूरे मानव इतिहास में, कई बीमारियों की उत्पत्ति का पता लगाने में एक दर्जन साल या दशकों लग गए. कुछ प्रगति हुई लेकिन कोई निर्णायक जवाब नहीं मिला. कार्य अभी भी चल रहा है.’ गेंग ने कहा कि उद्देश्य यह पता लगाने का होना चाहिए कि यह कैसे होता है और मानव जाति को भविष्य में होने वाले नुकसान को रोकने का होना चाहिए.