अपने सैनिक की मौत की सूचना देने से कतरा रहा है चीन, 40 से ज्यादा सैनिक मारे जाने वाली खबर को बताया फर्जी
सैनिकों के हताहत होने पर चान मंगलवार को पहली बार चुप्पी तोड़ी और पूर्वी लद्दाख में हुए टकराव में अपने 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने को “फर्जी सूचना” करार दिया.
चीन ने भारत और चीनी सैनिकों के बीच 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में अपने सैनिकों के हताहत होने पर मंगलवार को पहली बार चुप्पी तोड़ी और पूर्वी लद्दाख में हुए टकराव में अपने 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने को “फर्जी सूचना” करार दिया.
झड़प के बाद से ही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के हताहतों की संख्या के सवाल पर बचते रहे चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने पूर्व सेना प्रमुख और सड़क व परिवहन मंत्री जनरल (अवकाश प्राप्त) वी. के. सिंह की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा था, “अगर हमारे 20 जवान शहीद हुए हैं तो उनकी से तरफ दोगुने सैनिक मारे गए हैं. ”
मीडिया ब्रीफिंग के दौरान प्रतिक्रिया मांगे जाने पर झाओ ने मंगलवार को कहा, “कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से इस मामले को सुलझाने के लिए चीन और भारत एक दूसरे से बात कर रहे हैं. ” उन्होंने कहा, “जैसा कि आपने मीडिया में देखा, उदाहरण के लिए, कुछ लोगों ने कहा कि चीनी पक्ष के 40 लोगों की जान गई. मैं आपको विश्वास के साथ इतना बता सकता हूं कि यह गलत खबर है. ”
उन्होंने इस संबंध में और विवरण नहीं दिया. यह पहला मौका था जब चीन की तरफ से हताहतों को लेकर कोई बयान आया है. बहरहाल, प्रवक्ता ने विस्तार से जानकारी नहीं दी. चीन ने हताहतों की संख्या का खुलासा नहीं किया है लेकिन ऐसी खबरें हैं कि झड़प में मारे गए चीनियों में उनकी सेना का कमांडिंग अफसर भी शामिल था.
इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों में हुई झड़प के बाद से ही चीन लगातार अपने सैनिकों को हुए नुकसान की जानकारी का खुलासा करने से बचता रहा है, जबकि आधिकारिक चीनी मीडिया के संपादकीय में कहा गया कि चीनी सैनिक भी हताहत हुए हैं.
Posted bY: sameer oraon