जून के बाद चीन में नहीं दिखेंगे भारतीय जर्नलिस्ट, ड्रैगन ने आखिरी पत्रकार को जारी किया देश छोड़ने का फरमान
India China Face Off: जून के आखिरी तक भारतीय पत्रकार को चीन छोड़ने के लिए कहा गया है. पीटीआई के पत्रकार के भी चीन से वापस भारत आ जाने के बाद अब चीन में भारत का कोई भी मीडिया प्रतिनिधि नहीं रह जाएगा.
India China Face Off: ड्रैगन ने तुगलकी फरमान सुनाते हुए अपने देश में आखिरी भारतीय पत्रकार को भी चीन छोड़ने का फरमान सुना दिया है.चीन ने पीटीआई (Press Trust of India) के पत्रकार को इसी महीने यानी जून के आखिर तक देश छोड़ने का हुक्म दिया है. चीन ने आरोप लगाया है कि भारतीय पत्रकार ने चीनी पत्रकारों के साथ गलत व्यवहार किया है इस कारण उसे देश छोड़कर जाना होगा. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया का पत्रकार इस महीने चीन छोड़ देगा.माना जा रहा है कि चीन की इस हरकत के बाद एशिया के दो शक्तिशाली देश भारत और चीन के बीच दूरी और बढ़ गई है.
चीन में कोई नहीं रहेगा भारतीय मीडिया प्रभारी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जून के आखिरी तक भारतीय पत्रकार को चीन छोड़ने के लिए कहा गया है. पीटीआई के पत्रकार के भी चीन से वापस भारत आ जाने के बाद अब चीन में भारत का कोई भी मीडिया प्रतिनिधि नहीं रह जाएगा. गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में चीन में चार इंडियन जर्नलिस्ट थे. चारों पत्रकारों में से दो के वीजा के रिन्यू कराने से चीन ने इनकार कर दिया था. तीसरे पत्रकार ने भी चीन छोड़ दिया है. अब पीटीआई का बचा इकलौता पत्रकार भी इसी महीने के अंतिम में भारत वापस आ जाएगा.
क्या है पूरा विवाद
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस विवाद का मूल कारण है रिपोर्टिंग के लिए असिस्टेंट हायर करना. दरअसल चीन में नियम है कि एक समय में सिर्फ तीन असिस्टेंट को हायर किया जा सकता है. वहीं, चीन में पत्रकारों को कई निगरानियों से भी होकर गुजरना पड़ता है. इसके अलावा भारत में कुछ समय पहले दो चीनी पत्रकारों का वीजा रिन्यू नहीं किया था, ऐसे में भारतीय पत्रकारों का वीजा रिन्यू नहीं करने को चीन के बदले की भावना के रूप में देखा जा रहा है.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कही यह बात
वहीं, इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत को उम्मीद थी कि चीन भारत के पत्रकारों को अपने यहां काम करने की अनुमति देगा. उन्होंने कहा कि भारत में चीन समेत दुनियाभर के पत्रकार बेरोकटोक काम करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि विदेश मंत्रालय इस मामले में चीन के संपर्क में है.