China Population: चीन में जनसंख्या का लगातार घटना चिंता का विषय बना हुआ है. मृत्यु दर में लगातार इजाफा हो रहा है लेकिन जन्म दर में कमी आ रही है. लगातार दूसरे साल चीन की आबादी में में कमी आई है. मृत्यु दर बढ़ने और जन्म दर कम होने के कारण साल 2023 में जनसंख्या 20 लाख कम हो गई है.सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक अभी देश की कुल जनसंख्या 1.4 अरब है. जनसांख्यिकी विशेषज्ञों ने कोविड-19 के प्रकोप के कारण मृतक संख्या में तेज बढ़ोतरी होने की आशंका जताई थी.
जनसंख्या में कमी चीन के लिए बड़ी चुनौती
चीन में जन्म दर में लगातार गिरावट आई है. यह गिरावट लंबे समय से ड्रैगन की आर्थिक और सामाजिक चुनौती बनी हुई है. जन्म दर में कमी के कारण चीन की औसत आबादी में बुजुर्ग की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इस कारण वहां श्रमिकों की संख्या में कमी आ सकती है और समय के साथ आर्थिक विकास धीमा भी हो सकता है. इसके अलावा बड़ी संख्या में बुजुर्ग आबादी को सेवाएं देने से देश की क्षमता के लिए भी चुनौती पैदा हो सकती है.क्योंकि उनकी पेंशन, स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल की लागत आर्थिक विकास पर भारी दबाव बना सकती है.
तीव्र आर्थिक वृद्धि चीन के बड़े और सस्ते कार्यबल से हुआ संभव
बीते कुछ दशकों में चीन ने जिस तेजी से आर्थिक विकास किया है वो बड़ा और सस्ते कार्यबल का परिणाम है. लेकिन हाल के कुछ सालों में हालात बदले हैं. जनसंख्या में आ रही कमी के कारण कम श्रमिक उपलब्ध हो पा रहे हैं. इसके कारण विदेशी कंपनियां अपने उत्पादन के लिए चीन से इतर विकल्प तलाशने में लगे हैं. यह चीन के आर्थिक विकास मॉडल खतरे में डाल रहा है. हालांकि चीन के लिए थोड़ी राहत की बात यही है कि जन्म दर में लगातार सातवें साल गिरावट आने के बाद भी बीते सालों की तुलना में गिरावट इस बार कम है. पिछले साल लगभग 90 लाख बच्चों का जन्म हुआ था.
केवल एक संतान की नीति पड़ रही भारी
1960 के जिस दौर में चीन जनसंख्या विस्फोट की स्थिति से गुजर रहा था उस समय चीनी सरकार ने एक संतान की नीति लागू कर जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने की कोशिश की थी. हालांकि अब वहीं नीति चीन के विकास को प्रभावित कर सकती है. हालांकि सरकार ने 2016 में अपनी इस नीति को आधिकारिक तौर पर खत्म कर दिया था. साथ ही जन्म को प्रोत्साहित करने की भी कोशिश की है लेकिन उसे कोई खास सफलता नहीं मिली है. चीन की जनसंख्या में लगातार कमी आई है. चीनी लोग देर से शादी कर रहे हैं. वहीं शिक्षा और लालन-पालन में अत्यधिक खर्च के कारण अधिकतर लोग अब भी एक ही संतान की नीति का पालन कर रहे हैं. भाषा इनपुट के साथ.
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