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COVID-19 की नहीं छुपायी कोई भी जानकारी, ट्रंप के आरोप पर चीन की सफाई

चीन (China) ने इस बात से साफ इंकार किया कि उसने दिसंबर, 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Pandemic) के मामले आने के बाद उन्हें छुपाया. यह कहकर चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के इल्जामों से विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के प्रमुख टेड्रोस गेब्रेयेसस का बचाव किया है.

बीजिंग : चीन ने इस बात से साफ इंकार किया कि उसने दिसंबर, 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले आने के बाद उन्हें छुपाया. यह कहकर चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इल्जामों से विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस गेब्रेयेसस का बचाव किया है.

ट्रंप ने उनपर ‘चीन केन्द्रीत’ होने का आरोप लगाया था; कोविड-19 संबंधी जानकारी छुपाने के अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के आरोपों को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज्याओ लिजिआन ने कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोविड-19 की सूचना देने वाला चीन पहला देश है और इसका यह मतलब नहीं है कि वायरस का जन्म वुहान से हुआ है.

ज्याओ ने कहा, महामारी पहले दुनिया में कहीं भी फैल सकती है. लेकिन उसकी शुरुआत विज्ञान का विषय है और हमें इसे विज्ञान एवं मेडिकल समुदाय पर ही छोड़ देना चाहिए. गौरतलब है कि प्रवक्ता ने 12 मार्च को आरोप लगाया था कि अमेरिकी सेना कोरोना वायरस को वुहान लेकर आयी है. इस बयान पर अमेरिकी ने राजनयिक विरोध दर्ज कराया था.

हालांकि, ज्याओ ने अपना आरोप दोहराया नहीं, लेकिन पोम्पिओ के आरोपों पर विस्तार से जवाब देते हुए उन्होंने वुहान में 76 दिन से जारी लॉकडाउन बुधवार को हटाए जाने का संदर्भ दिया और कहा कि इससे अन्य देशों का आत्मविश्वास बढ़ा है. उन्होंने कहा, ज्यादा से ज्यादा लोगों को एहसास होने लगा है कि चीन का उपाय सही है और चीन का अनुभव बहुत काम का है. कोई भी जिम्मेदार देश वायरस को लेकर किसी पर दोषारोपण करे यह गलत होगा.

चीन ने छह अप्रैल को कोरोना वायरस का आधिकारिक घटनाक्रम जारी किया. उसमें चीन ने कहा था कि कोरोना वायरस का वुहान में सबसे पहले दिसंबर, 2019 के अंत में पता चला, जहां संक्रमण को अज्ञात कारणों से न्यूमोनिया के रूप में देखा गया, लेकिन उसमें वायरस कहां से आया, इसका कोई जिक्र नहीं है.

वुहान शहर के हुनान सीफूड मार्केट में जंगली पशुओं की बिक्री को कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत माना जाता है. इस वैश्विक महामारी से अभी तक 90 हजार के करीब लोगों की मौत हुई है. ज्याओ ने कहा, यह आरोप कि चीन ने जानकारी छुपायी और उसमें पारदर्शिता की कमी है, यह आधारहीन है.

चीन ने डब्ल्यूएचओ को वायरस का ‘जेनेटिक सीक्वेंस’ उपलब्ध कराया जिसकी बदौलत अमेरिकी प्रयोगशालाएं इसका टीका तैयार करने में जुटी हैं. डब्ल्यूएचओ की जो टीम वुहान दौरे पर आयी थी उसमें एक अमेरिकी विशेषज्ञ भी था. वुहान के स्थानीय अधिकारियों द्वारा जानकारी छुपाए जाने और वायरस के रोकथाम/उन्मूलन के लिए वक्त पर कार्रवाई नहीं करने संबंधी सवाल पर ज्याओ ने कहा, जहां तक बात शुरुआती दिनों की है, यह नया वायरस है. इसके बारे में सबकुछ जानने से पहले एक प्रक्रिया है, जैसा कि आपने दावा किया है, यहां कोई सूचना नहीं छुपायी गयी है.

उन्होंने कहा कि वायरस के संबंध में सभी सूचनाओं और आंकड़ों तक अमेरिका की सीधी पहुंच है. ज्याओ ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख पर ट्रंप के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने उनके नेतृत्व में अपने ड्यूटी बखूबी निभाई है.

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