चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के बीच आज अहम मीटिंग होने वाली है. दोनों नेताओं के बीच यह एक साल में दूसरी बैठक है. दोनों नेता वर्चुअल मीटिंग कर रहे हैं. गौरतलब है कि कुछ समय पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से बुलाई गई लोकतांत्रिक सम्मेलन में चीन और रूस को न्योता न मिलने से दोनों देश नाराज हैं. कई जानकारों की राय है कि इसी कारण चीन और रूस बैठक कर रहे हैं.
संबंध को और मजबूत कर रहे हैं रूस और चीन: बता दें कि, पश्चिम देशों से बढ़ते तनाव के बीच चीन और रूस अपने आपसी संबंध को और प्रगाढ़ करने में जुटे हैं. दरअसल चीन और रूस की सोच कई मायनों में मिलती है. खासकर विदेश नीति को लेकर. ईरान, सीरिया और वेनेजुएला को लेकर बीजिंग और मास्को के दृष्टिकोण समान हैं. ऐसे में अमेरिका की ओर से मिले नजरअंदाज के कारण दोनों देशों में करीबी आई है.
गौरतलब है कि रूस और अमेरिका के संबंध अच्छे नहीं हैं. यूक्रेन को लेकर रूस के रुख पर अमेरिका सख्त हो गया है. अमेरिका ने साफ कर दिया है कि अगर रशिया यूक्रेन में किसी तरह की सैनिक कार्रवाई करता है तो उसे कड़े पाबंदियों से गुजरना होगा. इसको लेकर पुतिन और बाइडेन के बीच दूरी और बढ़ गई है. दूसरी ओर चीन को भी अमेरिका की हिदायत मिली हुई है. इस कारण भी रूस और चीन आपस में करीब आ रहे हैं. इस कारण भी पुतिन और जिनपिंग की मुलाकात पर यूरोप समेत अमेरिका के कान खड़े हो गये हैं.
वहीं, कई जानकारों का मानना है कि इन दिनों रूस और चीन के संबंध काफी सुधार हैं. दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में कई सहयोग पर सहमति बनी है. आने वाले समय में दोनों देश कई हवाई और समुद्री अभ्यास करने वाले हैं. इसे लेकर एक समझौता पर भी दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए हैं. और विश्व की बदलती राजनीति के कारण भी दोनों देश एक दूसरे की जरूरत बनते जा रहे हैं. जाहिर है दो शक्तिशाली देशों की आज हो रही मुलाकात को लेकर जहां पूरी दुनिया की निगाहे थमी हुई है. वहीं, रूस और चीन का इस बारे में कहना है कि आज की मुलाकात को व्यापार और ऊर्जा को लेकर है.
Posted by: Pritish Sahay