चीन धड़ाधड़ क्यों जा रहे खाली कंटेनर? भारत में पड़ा भारी अकाल, जानिए वजह

China Storage of empty containers: चीन में खाली कंटेनर धड़ाधड़ जा रहे हैं, जबकि भारत में कंटेंनर की कमी हो गई है. आइए जानत हैं कारण.

By Aman Kumar Pandey | September 14, 2024 2:18 PM

China Storage of empty containers: अमेरिका और चीन के बीच चल रहे तनाव का असर भारत पर भी पड़ सकता है. अमेरिका ने चीन से आने वाली कुछ वस्तुओं पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है, जिसके कारण चीन अधिक से अधिक माल अमेरिकी बाजार में भेजना चाहता है. इस वजह से चीन खाली कंटेनर मंगवा रहा है, जिससे भारत में कंटेनरों की कमी हो गई है. एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, कमजोर वैश्विक मांग के चलते अगस्त और सितंबर में भारत के निर्यात में गिरावट आ सकती है, क्योंकि निर्यातकों को कंटेनर नहीं मिल रहे हैं.

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अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने चीन से आने वाली कई वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है, जिसमें स्टील, सोलर सेल, लिथियम आयन बैटरी, इलेक्ट्रिक वाहनों के पुर्जे और मेडिकल उत्पाद शामिल हैं. यह टैरिफ 2026 तक कई चरणों में लागू होगा, जिससे पहले चीन अपना सामान जल्दी से जल्दी अमेरिका भेजना चाहता है. इस कारण दुनिया भर से खाली कंटेनर चीन भेजे जा रहे हैं, और इसका असर भारत पर भी पड़ा है.

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यमन के हूती विद्रोहियों ने अदन की खाड़ी से गुजरने वाले जहाजों पर हमला किया था, जिससे कंटेनर की दरों में वृद्धि हुई थी. हालांकि, हाल में इसमें थोड़ी नरमी आई थी, लेकिन अब निर्यातकों को फिर से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिका में चीनी वस्तुओं पर अगस्त से ही हाई टैरिफ लागू हो गया है, जिससे चीनी निर्यातक जल्द से जल्द अपना माल भेज रहे हैं. यूरोपीय संघ और कनाडा ने भी टैरिफ बढ़ा दिया है, और लाल सागर में संकट के कारण जहाजों का रास्ता लंबा हो गया है. भारतीय बंदरगाहों पर जहाजों को अधिक समय तक इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे कई शिपिंग कंपनियां भारत आने से बच रही हैं.

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फियो के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय ने कहा कि शिपिंग कंपनियां हमारे बंदरगाहों पर नहीं आ रही हैं क्योंकि उन्हें लंबा सफर करना पड़ रहा है. हालांकि, सरकारी अधिकारियों का कहना है कि स्थिति में सुधार हो सकता है, और अगले 6 से 8 हफ्तों में कंटेनर की आपूर्ति बेहतर होने की उम्मीद है. अप्रैल से जुलाई के बीच भारत के निर्यात में 6.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, और सरकार को इस वित्तीय वर्ष में निर्यात के सकारात्मक बने रहने की उम्मीद है.

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