China Taiwan Tension: कितना मजबूत है ताइवान ? चीन के साथ युद्ध हुआ तो क्या होगा
china taiwan war : पेलोसी ने कहा कि चीन ने ताइवान को अलग-थलग करने की कोशिश की, जिसमें हाल में उसे विश्व स्वास्थ्य संगठन में शामिल होने से रोकना शामिल है. वे ताइवान को अन्य स्थानों पर जाने या भाग लेने से रोक सकते हैं लेकिन वे हमें ताइवान की यात्रा करने से रोककर उसे अलग नहीं करेंगे.
China Taiwan Tension : अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा ने टेंशन बढ़ा दी है. इस बीच पेलोसी ने शुक्रवार को कहा कि चीन, अमेरिकी अधिकारियों को ताइवान की यात्रा करने से रोककर स्व-शासित द्वीप को अलग-थलग नहीं कर सकता है. पेलोसी ने चीन के कड़े विरोध के बावजूद ताइवान की यात्रा की है. वह 25 वर्षों में ताइवान की यात्रा करने वाली अमेरिकी संसद की पहली अध्यक्ष हैं. इधर पेलोसी की यात्रा के बाद चीन नाराज है और उसने सैन्य अभ्यास के नाम पर ताइवान की घेराबंदी कर दी है.
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने ताइवान को डराने का प्रयास किया है. ड्रैगन इससे पहले भी ताइवान के हवाई क्षेत्र में फाइटर जेट्स तो कभी उसकी समुद्री सीमा में युद्धपोत भेज चुका है जिससे चीन के साथ ताइवान का तनाव देखने को मिला. इन सबके बीच कुछ चीजें हैं जो आपको दोनों देश के बारे में जान लेना चाहिए. यदि दोनों देशों के बीच कभी युद्ध छिड़ता है तो कौन कितना भारी पड़ सकता है.
दोनों देशों के सैन्य बजट के बारे में आपको जानने की जरूरत है. चीन की वन चाइना पॉलिसी पर नजर डालें तो इसके तहत ताइवान उसका ही हिस्सा है. हालांकि यहां का सिस्टम मेनलैंड चीन से बहुत अलग है. यही वजह है कि ताइवान को कई बार एक स्वायत्त क्षेत्र भी कहा जाता है. दोनों क्षेत्रों की ताकत का अंतर आप इनके रक्षा बजट से सटीक समझ सकते हैं. जहां 2022 में चीन ने 230 अरब डॉलर (करीब 18.25 लाख करोड़ रुपये) का रक्षा बजट तय करने का काम किया. वहीं ताइवान की बात करें तो उसका रक्षा बजट महज 16.8 अरब डॉलर (करीब 1.33 लाख करोड़ रुपये) रहा. इसका मतलब यह है कि दोनों देशों के रक्षा बजट में ही 15 गुना से ज्यादा अंतर नजर आता है.
Also Read: China Taiwan Tension: जापान पहुंची अमेरिकी संसद अध्यक्ष नैंसी पेलोसी, कहा- चीन मेरी यात्रा नहीं रोक सकता दोनों देशों के सैन्य आंकड़ेयदि दोनों क्षेत्रों में युद्ध होता है तो कौन किसपर भारी पड़ेगा. इस सवाल कर जवाब लोग जानना चाहते हैं. तो इसके लिए दोनों देशों के सैनिकों की तुलना करनी होगी. जहां चीन के पास 20 लाख से ज्यादा सक्रिय सैनिक मौजूद हैं. वहीं दूसरी ओर ताइवान के पास 1 लाख 70 हजार सक्रिय सैनिक वर्तमान में हैं. ताइवान के पास रिजर्व सैनिकों की संख्या चीन से तीन गुना है. जहां ताइवान के पास 15 लाख रिजर्व सैनिक हैं तो वहीं चीन के रिजर्व सैनिकों की संख्या 5 लाख 10 हजार के करीब है.