काठमांडू : अपने ही देश में अपनी पार्टी के निशाने पर प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की कुर्सी बचाने के लिए चीन आगे आया है. नेपाल में चीन के राजदूत हाओ यांकी (Chinese ambassador Hou Yanqi) ने ओली के धुर विरोधी नेता पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के संपर्क में चल रहे नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेता माधव कुमार नेपाल से मुलाकात की. प्रधानमंत्री ओली इस्तीफे के लिए अपनी ही पार्टी के नेताओं द्वारा दबाव का सामना कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली का भविष्य तय करने के लिये सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की स्थायी समिति की महत्वपूर्ण बैठक बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी है. भारत विरोधी बयान को लेकर शुरू हुए अंतर-पार्टी विवाद के बीच चीनी राजदूत द्वारा पार्टी के एक शीर्ष नेता से मुलाकात करने के एक दिन बाद यह निर्णय लिया गया है. भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच नेपाल ने भी एक विवादित नक्शा जारी किया था, जिसका भारत ने कड़े शब्दों में विरोध किया था.
एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राजदूत ने माधव नेपाल से उनके आवास पर मुलाकात की और दोनों ने मौजूदा स्थिति पर चर्चा की. प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार सूर्य थापा ने बताया कि बैठक बुधवार तक के लिये टल गयी है. इस बैठक के स्थगित होने के कारणों के बारे में अभी पता नहीं चल पाया है. पहले ही दो बार स्थगित हो चुकी स्थायी समिति की सोमवार को होने वाली बैठक में 68 वर्षीय प्रधानमंत्री के राजनीतिक भविष्य के बारे में फैसला होने की उम्मीद थी.
पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ सहित एनसीपी के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा था कि उनका हाल ही में दिया भारत विरोधी बयान ‘न तो राजनीतिक रूप से सही और न ही कूटनीतिक रूप से उपयुक्त’ है. इस बीच, प्रचंड और ओली ने बालुवाटार में स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में पार्टी को टूटने से बचाने की कवायद में एक बार फिर मुलाकात की. इससे पहले प्रधानमंत्री ओली ने पूर्व प्रधानमंत्री एवं विपक्षी नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की थी.
नेपाल ने कालापानी-लिपुलेख मुद्दे पर भारत के साथ अपने संबंधों में जारी तनाव के बीच दारचुला में खोली गयी अपनी छह सीमा चौकियों में से दो को बंद कर दिया है. धारचूला के उपजिलाधिकारी एके शुक्ला ने सोमवार को नेपाल सशस्त्र पुलिस के एक प्रवक्ता के हवाले से बताया, ‘उक्कू और बलारा में सीमा चौकी बंद कर दी गयी हैं.’ शुक्ला ने नेपाली अधिकारी के हवाले से कहा, ‘बाकू, बुर्किल और विनायक में तीन अन्य नेपाली सीमा चौकियां भी बंद होने की प्रक्रिया में हैं.’
सीमा पर भारतीय क्षेत्र में स्थित कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाली भूभाग के रूप में दिखाने वाले एक नेपाली मानचित्र के हाल में प्रकाशन के बाद भारत-नेपाल संबंधों में आए तनाव के बीच इन सीमा चौकियों को दारचुला में स्थापित किया गया था. भारत-नेपाल संबंधों के जानकार और कुमाऊं विश्वविद्यालय में राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर रहे एलएल वर्मा ने कहा, ‘भारत के साथ अपनी सीमा पर चौकियों को बंद करने का नेपाल का निर्णय वहां प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी से ढीली होती पकड़ का परिणाम प्रतीत होता है.’
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.