चीन की घटिया वैक्सीन से बढ़ रहा है संक्रमण का खतरा, फैला अफ्रीकन स्वाइन फीवर का दो नया स्ट्रेन
चीन एक बार फिर दुनिया भर में अपनी अवैध वैक्सीन के लिए बदनाम हो रहा है. चीन में अब अफ्रीकन स्वाइन फीवर का नया स्ट्रेन फैल रहा है. यह स्ट्रेन इसिलए चीन में तेजी से फैल रहा है क्योंकि चीन ने इस पर अवैध वैक्सीन का इस्तेमाल किया जो ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है.
चीन एक बार फिर दुनिया भर में अपनी अवैध वैक्सीन के लिए बदनाम हो रहा है. चीन में अब अफ्रीकन स्वाइन फीवर का नया स्ट्रेन फैल रहा है. यह स्ट्रेन इसिलए चीन में तेजी से फैल रहा है क्योंकि चीन ने इस पर अवैध वैक्सीन का इस्तेमाल किया जो ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है.
इस नये स्ट्रेन की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है दुनिया के सूअर पालकों को. अभी कोरोना महामारी से यह इंडस्ट्री पूरी तरह उबर भी नहीं पायी थी कि एक और बड़ी परेशानी इस इंडस्ट्री के लिए संकट की तरह खड़ी है. अफ्रीकन स्वाइन फीवर के दो नये स्ट्रेन ने एक हजार से ज्यादा सूअरों को संक्रमित किया है.
चीन सूअर पालन का बड़ा केंद्र है. जो सूअर संक्रमण का शिकार हुए हैं ये सभी सूअर न्यू होप लिउहे कंपनी के फार्म में ही पाले जा रहे थे. यह कंपनी चीन की बड़ी कंपनियों में एक है. इस सबंध में जानकारी देते हुए इस कंपनी के साइंस ऑफिसर यान झिचून ने कहा, ताजा स्ट्रेन में जो देखा गया उनमें अफ्रीकन स्वाइन बुखार के दो प्रमुख जीन्स सामने नहीं है तो यह अलग तरह की स्ट्रेन मानी जा रही है. साल 2018 में की तरह इस स्ट्रेन से संक्रमित होने के बाद सूअर मर नहीं रहे.
कंपनी उन सूअरों को मार रही है जिनमें यह वायरस दिख रहा है. यह बीमारी अब सीमित है लेकिन इसका नया स्ट्रेन खतरा बनकर उभर सकता है. अगर यह बीमारी दूसरे देशों में फैली तो यह दुनिया में पोर्क पालन करने वाली कंपनियों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है.
दो साल पहले इस संक्रमण ने काफी नुकसान पहुंचाया था. चीन में 40 करोड़ सूअर को मार दिया गया था. इस वक्त सूअर की कीमत ऊंची है कारण है, कोरोना संक्रमण की वजह से चीन पर खाद्य सुरक्षा मजबूत करने का दबाव है. इस संबंध में विशेषज्ञ डॉक्टर वायने जोहान्सन ने कहा, पिछले साल इसी बीमारी की वजह से परेशानी हुई थी लेकिन इस बार इस वायरस में MGF360 जीन्स नहीं है जो इसे पिछली बार से अलग करता है.
दूसरी तरफ चीन के किसान इन सूअरों को बचाने के लिए किसी भी दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि भविष्य में होने वाले नुकसान से इन्हें बचाया जा सके. इसी वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है