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अपनी हरकतों से बाज नहीं आता चीन! जिनपिंग की भारत-यूएस को धमकी, कहा- अतिक्रमण हुआ तो खाली नहीं बैठेंगे

चीन का अमेरिका के साथ भी कई मसलों पर विवाद है. इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने धमकी भरे अंदाज में भारत और अमेरिका को चेतावनी दी है.

नयी दिल्ली: भारत और चीन के बीच बीते कई महीने से तनाव है. पूर्वी लद्दाख में स्थिति काफी गंभीर है. दोनों तरफ की सेनाएं पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे और गलवान वैली में आमने सामने हैं. चीन का अमेरिका के साथ भी कई मसलों पर विवाद है. इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने धमकी भरे अंदाज में भारत और अमेरिका को चेतावनी दी है.

शी जिनपिंग ने कहा कि यदि चीन के सुरक्षा हितों और संप्रुभता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई तो हम खाली हाथ नहीं बैठेंगे. जिनपिंग ने कहा कि चीन के लोग किसी भी मुश्किल परिस्थिति में मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं.

शी जिनपिंग के धमकी वाले बोल

जिनपिंग ने कहा कि चीन किसी भी देश के ऊपर आधिपत्य स्थापित करने या विस्तारवाद को बढ़ावा देने की नीति पर काम नहीं कर रहा है और ना ही करेगा. चीन ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि उनकी नीति विस्तारवाद की नहीं है लेकिन यदि कोई उनकी संप्रुभता, सुरक्षा और विकास हितों की अनदेखी करने की कोशिश करता है तो चीन खाली या चुप नहीं बैठेगा.

जिनपिंग ने कहा कि किसी को भी चीनी क्षेत्र में अतिक्रमण करने या उसका बंटवारा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. बता दें कि चीन बीते काफी समय से पड़ोसी देशों के संबंध में विस्तारवादी नीतियों के लिए कुख्यात रहा है.

भारत और चीन में जारी है तनाव

बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बयान ऐसे वक्त में आया है जब पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी और पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी हिस्से में भारत और चीन की सेना आमने-सामने खड़ी है. दोनों ही पक्षों की ओर से इलाके में भारी संख्या में सैनिकों और हथियारों की तैनाती की गई है. दूसरी तरफ कोरोना महामारी और अर्थव्यवस्था सहित कई मसलों पर चीन और अमेरिका के बीच तनाव है.

व्यापारिक हितों को लेकर चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच काफी तनाव है. जापान से भी चीन की खास नहीं बनती. इसी बीच अमेरिका ने ताइवान को अत्याधुनिक हथियारों की आपूर्ति करके चीन की दादागिरी को तगड़ी चुनौती दी है.

क्वाड देशों को मजबूत गठजोड़

गौरतलब है कि जमीन और समुद्र में, विशेष तौर पर दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र महासागर में चीन की दादागिरी को चुनौती देने के लिए क्वाड समूह का गठन किया गया है. इस समूह में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल है. इसी संबंध में अब तक भारत और अमेरिका के बीच होने वाली मालाबार युद्धाभ्यास में जापान और ऑस्ट्रेलिया को भी शामिल किया गया है. जापान इसमें 2017 में शामिल हो गया था.

इस बार ऑस्ट्रेलिया को भी शामिल किया गया है. अमेरिका ने इस कदम का स्वागत किया है. अमेरिका ने कहा है कि चीन की प्रभुसत्ता को चुनौती देने के लिए क्वाड देशों को मजबूत बनना होगा. साझी भागीदारी बढ़ानी होगी. इस साल के अंत तक युद्धाभ्यास होगा.

Posted By- Suraj Thakur

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